खट्टर सरकार ने ले लिया यह फैसला, गुड़गांव और फरीदाबाद से दिल्ली आने-जाने वाले ध्यान दें

 
नई दिल्ली

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर  सील है या नहीं इसको लेकर कन्फ्यूजन बढ़ती जा रही है। इसके पीछे वजह से राज्य सरकारों के रोज नए फैसले। गुड़गांव, फरीदाबाद बॉर्डर को ही ले लीजिए, खट्टर सरकार पहले इसे सील करती है फिर खोलती है, फिर सील कर देती है। अब हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने दिल्ली से सटे हरियाणा के बॉर्डर को फिर से सील कर दिया है।

 अब बुधवार यानी आज से गुड़गांव और फरदीबाद में हरियाणा प्रशासन उन्हीं लोगों को घुसने की इजाजत देगा जिनके पास ई-पास हैं। इसके अलावा भी कुछ लोगों को छूट होगी। इससे पहले मई में बॉर्डर सील रहे, इन्हें 2 जून को खोला गया लेकिन अब दोबारा सील कर दिया गया। अब बॉर्डर पर सख्ती पहले की तरह बनी रहेगी। इंटरस्टेस जाने के लिए पहले की तरह मूवमेंट पास लेना होगा।

हरियाणा सरकार ने कहा- पहले केजरीवाल सरकार खोले बॉर्डर
हरियाणा सरकार ने इस फैसले के पीछे दिल्ली सरकार के फैसले को वजह बताया है। दरअसल अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक हफ्ते के लिए दिल्ली में एंट्री बंद कर दी है। खट्टर ने कहा कि हरियाणा भी दिल्ली से एंट्री तब ही देगा जब केजरीवाल सरकार बॉर्डर खोलेगी। वर्ना हमने बाकी सभी राज्यों से लगते बॉर्डर खोल दिए हैं।

इस सब के बीच परेशानी आम लोगों की बढ़नेवाली है। मंगलवार को भी लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी रही। गुड़गांव, फरीदाबाद ने अपने बॉर्डर खोल दिए थे जबकि दिल्ली ने बंद कर दिए थे। हालांकि, सब जगह चेकिंग उतनी दुरुस्त नहीं थी।

दिल्ली की तरफ से हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पहले ही सील कर दिए गए हैं। इस वजह से 8 जून तक गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद के लोगों को दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी। मूवमेंट पास, सरकारी कर्मचारी और जरूरी सर्विस से जुड़ी चीजों को छूट है।
 

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