खजुराहो: टूरिज्म को हो रहा नुकसान, इन मांगों के समर्थन में तीन दिन से बंद है बाजार

विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में घटते पयर्टन उद्योग के खिलाफ खजुराहो बंद का आज तीसरा दिन है. इस बंद में खजुराहो टूरिस्ट ट्रेंड से जुड़े ट्रैवेल एजेंट, होटल, टैक्सी यूनियन, टूर गाइड, शोरूम एवं समस्त दुकानदार शामिल हैं. तीन दिन से स्थानीय दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं और टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं. बंद समर्थकों का कहना है कि लगातार पर्यटन उद्योग घटता जा रहा है. एयर इंडिया की फ्लाइट अब यहां हफ्ते में मात्र तीन दिन आ रही है. लेकिन न केन्द्र सरकार और न ही राज्य सरकार इस पर ध्यान दे रही है. इस कारण इनका व्यापार पूरी तरह से बरबाद होता जा रहा है. इस बंद के दौरान यहां आए पर्यटक बिना गाइड के ही मंदिरों में घूमने को मजबूर हैं. बंद के कारण पर्यटक यहां बाजार से कुछ खरीद भी नहीं पा रहे हैं. इस बंद में शामिल लोगों का कहना है कि उनका यह बंद अनिश्चित कालीन है. उनका कहना है कि जब तक एयर कनेक्टिविटी और ट्रेन कनेक्टिविटी नहीं बढाई जाती है तबतक खजुराहो का पयर्टन नहीं बढ़ सकता है.

एयर और रेल कनेक्टिविटी में कमी का असर विदेशी पर्यटकों पर भी दिखाई दे रहा है. आंकड़ों की बात करें तो जहां 2011 में विदेशी पर्यटकों की संख्या 97356 थी, वहीं यह संख्या 2018 में घटकर 60758 रह गई . इसका सीधा असर खजुराहो के होटल व्यवसायियों सहित अन्य स्थानीय लोगों पर पड़ रहा है. पर्यटकों की कमी के चलते होटल व्यवसाय भी ठप पड़ा हुआ है.

 

वहीं प्रदेश शासन के वाणिज्य एवं कर मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह राठौर ने खजुराहो में टूरिज़्म बढ़ाने के लिए बंद समर्थकों की मांगों को जायज ठहराया है. उन्होंने खजुराहो के घटते पर्यटन का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ते हुए जल्द मांगों को पूरा कराने की बात कही. दूसरी तरफ खजुराहो बीजेपी सांसद का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा खजुराहो के विकास के लिए भेजा गया बजट प्रदेश सरकार खर्च नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए भी कई बार बजट भेजा गया, लेकिन धरातल में कुछ न करने के आरोप प्रदेश सरकार पर लगाए. वजह जो भी हो, असुविधाओं के चलते पर्यटन व्यवसाय में मंदी आई है जिससे खजुराहो के निवासी और होटल व्यवसायी परेशान हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *