क्या है App Innovation Challenge? जानें मेड इन इंडिया ऐप्स का सपना पूरा करने का मास्टर प्लान

नई दिल्ली
चीन के 59 मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने के बाद मोदी सरकार इस दिशा में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि वह आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज लॉन्च करने जा रहे हैं। शनिवार को पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है उसका सपना उन्होंने 2015 में ही देखना शुरू कर दिया था और इसकी घोषणा भी की गई थी।

2015 में लॉन्च हुआ था डिजिटल इंडिया प्रोग्राम
अपने पहले टर्म में जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को लॉन्च करते वक्त पीएम मोदी ने कहा था कि भारत में गूगल जैसी कंपनी क्यों नहीं बन सकती है। उस कार्यक्रम में मोदी ने कहा था कि मैं एक ऐसे डिजिटल भारत की कल्पना करता हूं जहां टेक्नॉलजी की मदद से सरकार करप्शन फ्री होगी, रूरल इकॉनमी में ई-हेल्थकेयर की पहुंच होगी। साथ ही साथ भारत की वह पहचान बनेगी जब पूरू दुनिया की नजर भारत पर होगी।

कई यूनिकॉर्न कंपनियों का उदय हुआ
उनका वह सपना कुछ हद तक सच भी हुआ। पेटीएम जो आज इतनी बड़ी कंपनी है, उसके बारे में उस समय कोई नहीं जानता था। खासकर नोटबंदी के बाद इसमें तेजी आई। बायजू आज दुनिया की सबसे वैल्यू वाली एजुकेशन टेक स्टार्टअप है। पिछले 5-6 सालों में देश में कई स्टार्टअप का उदय हुआ है। हालांकि यह आंशिक सफलता है।

वर्ल्ड क्लास मेड इन इंडिया ऐप्स की क्षमता
इन जैसे कुछ लोगों को देखकर ही आज पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि टेक स्टार्टअप में उत्साह का भंडार है। इनमें यह क्षमता है कि वे वर्ल्ड क्लास मेड इन इंडिया ऐप्स बना सकते हैं। इसी कड़ी में पीएम ने आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज लॉन्च किया है।

पहले चरण में मौजूदा ऐप को प्रोत्साहित किया जाएगा
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने घोषणा की है कि वह नीति आयोग के साथ भागीदारी में दो चरणों में यह कार्यक्रम चलाएगा। इसके तहत मौजूदा ऐप को प्रोत्साहित किया जाएगा और नए ऐप विकसित किए जाएंगे। पहला चरण शनिवार से शुरू हुआ है। इसके तहत पहले से इस्तेमाल हो रही ऐसी सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऐप की पहचान की जाएगी, जिसमें अपने संबंधित क्षेत्र में विश्वस्तरीय ऐप बनने की क्षमता है। पहला चरण एक माह में पूरा होने की उम्मीद है।

आठ कैटिगरी में ऐप विकसित करने पर फोकस
इसके दूसरे चरण के तहत भारतीय स्टार्टअप्स्, एंटरप्रेन्योर और कंपनियों की पहचान करेगी। उन्हें विचार, इनकुबेशन, प्रोटोटाइपिंग तथा ऐप पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इस कार्यक्रम का दूसरा चरण अधिक लंबा चलेगा जिसका ब्योरा बाद में अलग से साझा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत आठ श्रेणियों…सोशल नेटवर्किंग, ई-लर्निंग, मनोरंजन, स्वास्थ्य और वेलनेस, बिजनेस जिसमें एग्रीटेक, फिनटेक, समाचार और गेम्स शामिल हैं, में ऐप विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा।

18 जुलाई तक एंट्रीज
मेइटी ने माईगॉव वेबसाइट के जरिये एंट्रीज भेजन की अंतिम तारीख 18 जुलाई तय की है। बयान में कहा गया है कि निजी और अकादमिक क्षेत्र के विशेषज्ञों की ज्यूरी एंट्रीज का आकलन करेगी। छांटी गई ऐप को पुरस्कृत किया जाएगा और साथ ही नागरिकों को सूचना के लिए इन्हें लीडर बोर्ड पर भी डाला जाएगा।

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