कोविड से निपटने पर्याप्त राशि है फिर भी राज्य सरकार नाकाम – बृजमोहन

रायगढ़
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि पिछले डेढ़ साल में सबसे नकारा सरकार छत्तीसगढ़ सरकार है और कोविड़-19 से निपटने में यह सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है। मुख्यमंत्री सहायता कोष में भी बड़े पैमाने पर राशि आई है। कोविड़ से निपटने के लिए भी राशि आई है। परंतु राज्य सरकार कोविड़ कोरोना से निपटने के लिए पैसा खर्च करने की बजाए ठेका टेण्डर करने में ज्यादा रूचि दिखा रही है।

जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारवार्ता में अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को 25 सौ रुपए धान का समर्थन मूल्य देने का वादा करने वाली सरकार आज 6 महीने से किसानों को उनके हक का बोनस तक नहीं दे रही है। अब बोनस की राशि 4 किश्तों में देने की बात कही जा रही है। उन्होंने सरकार के इस कदम को किसानों के साथ अन्याय बताया। सरकार को किसान को 6 महीने बाद दी जाने वाली राशि का ब्याज देना चाहिए और बोनस की राशि एक किश्त में दी जानी चाहिए। कोरोना जैसी घातक बीमारी को लेकर किसान हैरान व परेशान है उस समय उनका हक किसानों तक नहीं पहुंचना दुर्भाग्यजनक है।

बृजमोहन अग्रवाल आज भाजपा कार्यालय में केन्द्र सरकार के एक साल पूरे होने पर उनके कार्यों को जनता के बीच ले जाने के साथ-साथ कार्यकतार्ओं को वर्चुवल संदेश देने के माध्यम से घर-घर जनसंपर्क करने के लिए रायगढ़ पहुंचे थे। उसके बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ढाई हजार करोड़ से भी ज्यादा पैसा राज्य सरकार के पास विभिन्न मदों में है। इसमें 7 सौ से 8 सौ करोड़ डीएमएफ का पैसा है। 260 करोड़ रुपए आपदा राहत का है। मुख्यमंत्री सहायता कोष में भी बड़े पैमाने पर राशि आई है। कोविड़ से निपटने के लिए भी राशि आई है। परंतु राज्य सरकार कोविड़ कोरोना से निपटने के लिए पैसा खर्च करने की बजाए ठेका टेण्डर करने में ज्यादा रूचि दिखा रही है।

उन्होंने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में जो क्वारंटीन सेंटर बने हैं वो मौत के केन्द्र बन गए हैं। वहां पर लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है, खाना नहीं मिल रहा है उनके स्वास्थ्य के प्रति कोई विशेष इलाज की व्यवस्था नहीं है।

 

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