कोर्ट में सजा पाकर बैठे नागेश्वर राव ने नहीं पिया पानी, बोले- जाना पड़ेगा टॉयलेट

 
नई दिल्ली

सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव और जांच एजेंसी के कानूनी सलाहकार एस. भासुराम को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मंगलवार को दिनभर कोर्ट में बैठने की सजा सुनाई थी। शीर्ष अदालत ने बिहार आश्रय स्थल यौन उत्पीड़न मामलों की जांच कर रहे सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए.के. शर्मा का स्थानान्तरण करके उसके आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने पर उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया था। शर्मा को 17 जनवरी को सीआरपीएफ का अतिरिक्त महानिदेशक बनाया गया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने यह सजा सुनाई थी।

कोर्ट की कार्रवाई खत्म होने पर दोनों कॉर्नर वाली सीटों पर बैठ गए। लंच ब्रेक के समय कई सीबीआई ऑफिसर्स और कुछ वकील राव और भासुराम के पास आए और थोड़ी देर बातचीत की। एक वकील ने दोनों को बिस्कुट दिए तो कोई नमकीन लेकर आ गया। तभी कोर्ट के सिक्योरिटी ऑफिसर के इन-चार्ज वहां पहुंचे और वकीलों से स्नैक्स ले जाने को कहा क्योंकि इसे कोर्ट में ले जाने की इजाजत नहीं है। कुछ सीबीआई ऑफिसर्स ने राव को पूछा कि उन्हें किसी तरह के दवाई की जरूरत तो नहीं है, इस पर सीबीआई के पूर्व अंतरिम प्रमुख ने न में सिर हिलाया। उनको चाय-कॉफी के लिए भी पूछा गया, उन्होंने न में जवाब दिया। साथ ही कहा कि चाय-कॉफी आदि की मनाही है सिर्प पानी पी सकता हूं। बस फिर क्या था राव उनके सामने पानी की कितनी ही बोतले लाकर रख दी गई, इस पर राव नने पानी पीने से मना कर दिया और कहा कि ज्यादा पानी पिऊंगा तो इससे बार-बार टॉयलेट जाना पड़ेगा। कोर्ट का समय खत्म होने के बाद शाम को राव अपनी सजा खत्म करके घर को लौटे।

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