आगरा में पंचतत्वों से बने ट्रैक पर कर सकेंगे सैर, मिलेगा मड थेरैपी जैसा आनंद

 आगरा 
जमीन, पानी, अग्नि, आकाश और वायु इन पांच तत्वों से मिलकर शरीर का निर्माण हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए आगरा में  पंचतत्व ट्रैक बनाए जा रहे हैं।   ट्रैक की चौड़ाई इतनी होगी कि तीन व्यक्ति एक साथ नंगे पैर टहल सकेंगे।  ट्रैक के चारों ओर हरियाली और छायादार वृक्ष लगे होंगे।  यहां सुबह की सैर करने के दौरान लोग पांच तत्वों के बीच रहकर सेहत की सांस भर सकेंगे। प्राणायाम और योग भी कर सकेंगे।

आगरा विकास प्राधिकरण शहर के बीचोंबीच स्थित ऐतिहासिक पालीवाल पार्क में पंचतत्व वाकिंग ट्रैक और योगा हट का निर्माण करने जा रहा है। इस योजना पर प्राधिकरण करीब 1.34 करोड़ रुपये खर्च करेगा। स्थानीय पालीवाल पार्क और ताजमहल से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित जोनल पार्क में यह ट्रैक विकसित किया जाएगा। पौधे लगाने का काम नौ अगस्त से शुरू हो गया है। ट्रैक के आसपास पांच प्रकार के करीब 10 हजार पौधे रोपे जाएंगे।
 
आगरा विकास प्राधिकरण ताजनगरी फेस दो के गांधी उपवन में यह प्रयोग शुरू कर चुका है। प्राधिकरण के मुख्य अभियंता एके सिंह का कहना है पालीवाल पार्क में पंचतत्व वाकिंग ट्रैक बनाने को स्वीकृति मिल गई है। यहां योगा हट बनाई जाएगी जल्द ही इसका काम शुरू हो जाएगा।

ऐसा होगा पंचतत्व ट्रैक: करीब 205 मीटर लंबे पंच तत्व ट्रैक पर एक साथ कम से कम तीन लोग चल सकेंगे। ट्रैक पर पंच तत्वों में पानी, मिट्टी, पत्थर गोल बटिया, क्ले, बजरी पड़ी होगी। नंगे पैर इन पर चलेंगे तो यह एक्यूप्रेशर का काम करेगी। इसके साथ योगशाला और ट्रैक के बीच में घास के मैदान होंगे। इस पर नंगे पैर चलने से लाभ मिलेगा।

पैरों के एक्युप्रेशर प्वॉइंट्स होंगे सक्रिय: पंचतत्व ट्रैक में कसरत की शुरुआत गोल पत्थरों पर चलकर की जाएगी। यह ऐसे पत्थर हैं, जो नदी के प्रवाह से गोलाश्म बन गए हैं। इन पर चलने से पैरों में मौजूद अधिकतर एक्युप्रेशर प्वाइंट्स पर असर पड़ता है और ये सक्रिय होते हैं। 
  

मड थेरैपी जैसा आनंद
पत्थरों के बाद नेचुरोपैथी में मिट्टी का इस्तेमाल शरीर से टॉक्सिंस यानी विषैले तत्व को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। शरीर के जिस हिस्से से टॉक्सिंस निकालना हो, वहां मिट्टी का लेप किया जाता है। मड थेरैपी इसी का एक हिस्सा है। इस ट्रैक पर चलने से शारीरिक और मानसिक सुकून मिलेगा।

योग साधना के लिए ‘हट’
घूमने के लिए बने ट्रैक के अतिरिक्त यहां एक योगा हट (योग झोपड़ी) का निर्माण किया जाएगा। यहां योग मुद्रा में महात्मा बुद्ध की आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी। योगशाला में एक बार में करीब 85 व्यक्ति योग कर सकेंगे। करीब 615 वर्गफुट की योगशाला में धार्मिक प्रवचन, सत्संग आदि भी किए जा सकेंगे।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *