कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए MP के डीजीपी ने लिखा पत्र, गाइड लाइन का कराएं पालन
भोपाल
मध्य प्रदेश के डीजीपी ने फिर एक पत्र जारी कर दिया है. लेकिन इस बार मसला कोरोना संक्रमण से बचाव का है. उन्होंने सभी ज़िलों के एसपी और दूसरे अफसरों को चिट्ठी भेजी है कि वो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइड लाइन का पालन कराएं. जिसने भी लापरवाही बरती उसके खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी. और इस सबके लिए उस ज़िले का SP जवाबदेह होगा. डीजीपी की हिदायत का असर दिखने लगा है. अफसर एक्शन में आ गए हैं.
डीजीपी के पत्र के बाद पुलिस इकाइयों में पदस्थ पुलिस अफसरों के बीच हड़कंप मच गया है. अब सभी आईपीएस अफसर गाइडलाइन को मैदानी स्तर पर सख्ती से पालन कराने पर ध्यान दे रहे हैं. डीजीपी ने कोरोना से बचाव के लिए पुलिस कप्तानों की जिम्मेदारी तय कर दी है.
प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी विवेक जौहरी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों, सेनानियों,विशेष सशस्त्र बल और रेल पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा. इसमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विभाग की गाइड लाइन और निर्देश का पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित पुलिस अधीक्षक की रहेगी. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बरतने पर संबंधित पुलिस अधीक्षक जवाबदेह होंगे. लापरवाही बरतने पर जिम्मेदार अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
हाल ही में कोरोना से बचाव के लिए पीएचक्यू ने मैदानी पुलिस जवानों के लिए गाइड लाइन के साथ कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए थे. समय बीतने के बाद पुलिस मुख्यालय को यह जानकारी मिली कि कई जिलों में गाइड लाइन का पालन नहीं कराया जा रहा है. यही कारण है कि डीजीपी को सबको चिट्ठी भेजकर याद दिलाना पड़ा.
डीजीपी वी के जौहरी ने बताया कि पुलिस स्टाफ को ड्यूटी के दौरान कोरोना से बचाव के उपाय करना चाहिए. उन्हें प्रिवेंटिव मेडिसिन लेना चाहिए. सोशल डिस्टेंस का पालन करें. मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग, कार्यस्थल और वाहनों का सेनेटाइजेशन, साफ वर्दी, कंटेनमेंट एरिया,कोविड अस्पताल में बिना पीपीई किट के ड्यूटी नहीं करना और मैस में बर्तन खाद्य सामग्री को सही ढ़ंग से सेनेटाइज करना चाहिए. इन्हीं बातों का पालन करने के लिए सममय-समय पर गाइडलाइन जारी की गयी हैं.
इससे पहले DGP ने सभी पुलिस इकाइयों को पत्र लिखकर ट्रांसफर, पोस्टिंग, विभागीय जांच में राजनीति दखल कराने वाले पुलिस अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय में ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने वाले स्पेशल डीजी एडीजी आईजी रैंक के 29 आईपीएस अधिकारियों को डीजीपी ने पत्र लिखकर समझाईश दी थी.
इन दोनों मामलों पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने डीजीपी विवेक जौहरी की तारीफ की थी. ध्यान देकर कई सवाल उठाए हैं.उमा भारती ने लिखा था मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी का जो पत्र सार्वजनिक हुआ है उसमें एक सच्चाई है. विवेक जौहरी जैसा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, साहसी अधिकारी ही इस मुद्दे को उठाने की पात्रता रखता है. उमा ने कहा था पुलिस अफसर ऐसा ही होना चाहिए. उन्होंने बाकी अफसरों को लापरवाह और आलसी बताते हुए उन्हें चापलूसी से बचने की सलाह दी थी.