कोरोना वैक्सीन पहले मिले, भारत ने लगाया जोर

मुंबई
देश में कोरोना दिन-ब-दिन विकराल रूप लेता जा रहा है। भारत कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित दुनिया के दस देशों की सूची में आ गया है। देश में कोरोना के मामले रोज नए रेकॉर्ड बना रहे हैं। इसके साथ है इस महामारी से मानवता को बचाने के लिए वैक्सीन पर भी काम तेज हो गया है। दुनिया के कई देशों में इस पर तेजी से काम चल रहा है। भारत भी जल्दी से जल्दी इस संभावित वैक्सीन को अपने लोगों तक उपलब्ध कराना चाहता है। इसके लिए उसने अपने स्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं।

कोविड की दवाओं का ट्रायल शुरू, भारत की ये तैयारी
डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (डीबीटी) की सचिव रेणु स्वरूप ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि वैक्सीन बनाने वाली घरेलू कंपनियों के लिए नियामकीय मंजूरियां देने और दिशानिर्देश तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि भारत वैक्सीन का सॉलिडैरिटी ट्रायल शुरू करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसी वैश्विक स्वास्थ्य संस्थाओं के साथ बातचीत कर रहा है। WHO ने कोविड-19 के संभावित इलाज के लिए दवाओं का ट्रायल शुरू किया है।

दुनिया की कई दवा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रही हैं। वैक्सीन कारगर होने के बाद बड़ी मात्रा में इसका उत्पादन करना होगा और इसके लिए वे भारतीय वैक्सीन कंपनियों को साथ जोड़ना चाहती हैं। इसी सिलसिले में पिछले सप्ताह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्रोजेनेका ने घोषणा की थी कि वैक्सीन बनाने के उनकी बातचीत चल रही है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड ने एस्ट्रोजेनेका को यह काम सौंपा है।

8 वैक्सीन दूसरे और तीसरे चरण में
दुनिया में कोरोना की 8 संभावित वैक्सीन का काम दूसरे और तीसरे चरण में है। इनमें से चार चीन की शोध संस्थाएं जैसे पेइचिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैनसाइनो, फोसुन विकसित कर रही हैं। बाकी वैक्सीन मॉडर्ना, इनोवियो, क्यूरावैक और फाइजर बना रही हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश वैक्सीन बना रही कंपनियों को अरबों डॉलर देकर अपने लिए वैक्सीन की सप्लाई सुनिश्चित कर रहे हैं। जाहिर है कि इनमें से किसी भी कंपनी की वैक्सीन कारगर होती है तो उस पर पहला हक इन्हीं देशों का होगा।

भारत की पुख्ता तैयारी
स्वरूप ने कहा, ‘अगर वैश्विक दवा कंपनियों की वैक्सीन सफल रहती हैं और भारतीय कंपनियां इसका उत्पादन करना चाहेंगी, तो हमारी कोशिश यही रहेगी कि इसके लिए तैयारी पूरी हो। हम किसी भी कारगर वैक्सीन को हर मोर्चे पर जल्दी से जल्दी मंजूरी देंगे।’

कंपनियों को दी जा रही है बड़ी फंडिंग
कोविड-19 की नई वैक्सीन, दवा और डायग्नोस्टिक्स को परखने की जिम्मेदारी डीबीटी को दी गई है। विभाग ने पिछले महीने 500 प्रस्तावों की समीक्षा करने के बाद कई कंपनियों को फंडिंग देने की घोषणा की थी। ये प्रस्ताव कोविड-19 की वैक्सीन और डायग्नोस्टिक्स से संबधित थे। जहां तक वैक्सीन का सवाल है तो भारत बायोटेक, जायडस कैडिला और सीरम को उनके काम के लिए फंडिंग मिली है।

भारत की वैक्सीन कुछ महीनों में
डीबीटी को उम्मीद है कि इनमें से कुछ कंपनियों की वैक्सीन अगले कुछ महीनों में क्लिनिकल स्टेज में आ जाएगी। डीबीटी कोएलिशन फॉर वैक्सीन प्रीपैयर्डनेस इनोवेशंस (CEPI) और अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ जैसी संस्थाओं से भी हाथ मिला रहा है। स्वरूप ने कहा कि यह केवल संस्थाओं के बीच साझेदारी नहीं है बल्कि इसके जरिए सरकार कंपनियों को उनकी प्रासंगिक कंपनियों से मिलाकर उन्हें सपोर्ट कर रही है। साथ ही कंपनियों के साथ अपना अनुभव बांटकर उन्हें शोध कार्य में मदद कर रही है।

कोरोना की वैक्सीन के लिए बेस्ट कंपनियों का चयन
स्वरूप ने कहा, ‘हमने बेस्ट कंपनियां चुनी हैं और हम रोज उनके संपर्क में हैं। हम जल्दी ही कोविड-19 के लिए एक वैक्सीन डेवलपमेंट नोटिफिकेशन जारी करेंगे जिससे रिसर्च वर्क में तेजी आएगी।’

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