कोरोना वायरस का डर, ईरान में सेना की तैनाती

तेहरान
ईरान में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। अब इससे निपटने के लिए सेना की सहायता ली जाएगी। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खमेनेई ने कोरोना वायरस (Coronavirus)इसका आदेश जारी किया है। चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में कोरोना वायरस का पहला केस सामने आया था। हालांकि चीन के बाद इस बीमारी से सबसे ज्यादा मौतें ईरान में हुई हैं। इस बीच ईरानी मीडिया ने खमेनेई का एक विडियो जारी किया है जिसमें वो हाथ में ग्लव्स पहन कर पौधा लगा रहे हैं।
एक एक्टिविस्ट ग्रुप ने बताया कि अयातुल्ला खमेनेई के एक बेहद करीबी मोहम्मद मीर मोहम्मदी की मौत भी कोरोना वायरस से हुई है। इसके बाद विकीपीडिया की फारसी वेबसाइट ईरान में बंद कर दी गई क्योंकि वहां इसकी जानकारी दी गई थी। ईरान के आम लोग गुस्से में हैं। उन्हें लगता है कि सरकार ने बीमारी से निपटने के लिए व्यापक तैयारी नहीं की। आम जनता को डर है कि ईरान सरकार कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या घटाकर बता रही है।

शुरू में ईरान ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन अब ये विकराल रूप ले रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगता है कि देश के तीन लाख सैनिकों को वायरस से निपटने के काम में लगाया जा रहा है। ईरान में कई मंत्री भी इसकी चपेट में हैं. खमेनेई ने मंगलवार को कहा, सरकारी हेल्थ मशीनरी और बाकी लोग जो इस बीमारी से बचाव के लिए काम कर रहे हैं उनकी तारीफ होनी चाहिए। जो भी चीजें कोरोना वायरस को फैला रही हैं वो सब पाप है।

एक्टिविस्ट ग्रुप नेटब्लॉक्स का कहना है कि विकीपीडिया की फारसी वेबसाइट को उसी प्रक्रिया के तहत बैन किया गया है जिसके सहारे फेसबुक और ट्विटर पर बैन लगाया गया था। लोगों में डर है कि नवंबर की तरह फिर से इंटरनेट पर बैन लग सकता है। इस बीच ईरान ने कुछ सरकारी वेबसाइट बनाए हैं जिन्हें 'हलाल नेट' कहा जा रहा है। ईरान में कोरोना वायरस के 1501 मामले सामने आए हैं। अब तक 66 लोगों की मौत हो चुकी है।

संक्रमित लोगों में से 4.4 परसेंट लोगों की मौत ने एक्सपर्ट्स को चिंता में डाल दिया है। ये बाकी देशों से बहुत ज्यादा है। इस आधार पर शंका जताई जा रही है कि ईरान में संक्रमित लोगों की वास्तविक संख्या बहुत अधिक हो सकती है। मीर मोहम्मदी की मौत ने ईरान के सर्वोच्च नेतृत्व में खलबली पैदा कर दी है। इससे पहले कोरोना वायरस से हादी खोसरोशाही की मौत हुई थी जो वैटिकन में ईरान के राजदूत थे। ईरान के उपराष्ट्रपति मौसुमेह एब्तेकार भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं। वह ईरान में सिस्टर मैरी के नाम से चर्चित हैं।

ईरान ने कोरोना वायरस पर जो टास्क फोर्स बनाया था उसके मुखिया इराज हरिरची ही इसके शिकार हो गए।

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