कोरोना लॉकडाउन में घर के लिए निकले मजदूर, रास्ते में मदद को बढ़े हाथ

लखनऊ
पलायन के इस भयावह दौर में मजदूर जहां बेहद ही परेशान अपने घरों की ओर चल रहा है, वहीं रास्ते में जगह-जगह लोगों के मदद के हाथ आगे बढ़ रहे हैं. पैदल चलते इन मजदूरों को हर जगह लोग खाना-पानी और पैसे से मदद करते दिखाई दे रहे हैं. 'आजतक' की टीम ने लखनऊ और लखनऊ से बाहर जाने वाली सड़कों पर कई ऐसे लोगों को मदद करते देखा जो बिना किसी हो हल्ला के चुपचाप, ऐसे लोगों की मदद में जुटे हैं जो दूसरे राज्यों से अपने घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

लखनऊ के शहीद पथ पर गुजरात के पालनपुर से बिहार के गया जिले को जा रहे मजदूरों के एक जत्थे को 'आजतक' की टीम ने देखा. सड़क किनारे खड़े इन मजदूरों को देखते ही पास से गुजरती कार रुक गई और पैदल चल रहे मजदूरों को मिनरल वाटर, जूस और खाना देकर मदद की.

रास्ते भर लोग लगातार मदद के हाथ बढ़ा रहे हैं. इन मजदूरों ने बताया कि वह 5 मई से अपने घरों के लिए निकले हैं और एक हफ्ते बाद वे लखनऊ पहुंचे. रास्ते में उन्हें खाने की दिक्कत नहीं हुई क्योंकि लोगों के मदद के हाथ बढ़ते रहे. अगर किसी एक चीज की दिक्कत हुई तो वह चीज थी सवारी. थके हारे इन मजदूरों को रास्ते में कहीं सवारी मिली, कहीं नहीं मिली. लेकिन एक चीज जो उन्हें मिलती रही वह लोगों के हाथों खाने-पीने की मदद और जगह-जगह लोग मदद के हाथ बढ़ाते दिखे.

एक तरफ पैदल और साइकिलों से लोग पलायन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कई ऐसी जुगाड़ गाड़ियां भी लोगों ने इस कठिन दौर में बना ली हैं जिससे वह कई राज्यों से सफर करते चले आ रहे हैं.

लुधियाना से गोंडा आ रहे एक शख्स ने बाइक को ठेला गाड़ी बना दिया. लुधियाना से गोंडा जा रहा है यह शख्स इसे लेकर अपने गांव चल पड़ा. रास्ते में जो मजदूर मिला उसे भी जगह दे दी. लेकिन ऐसे कठिन दौर में यह जुगाड़ गाड़ी उसके बड़े काम की निकली.

मोटरसाइकिल के अगले हिस्से को उस शख्स ने गाड़ी का इंजन बना दिया और पिछली सीट को हटाकर वहां ठेला गाड़ी जोड़ दी. इसके बाद लुधियाना से लेकर चल पड़ा. कहीं लोगों को लिफ्ट दी. कहीं पुलिस वालों ने इस गाड़ी पर कुछ मजबूर लोगों को बिठाए. लेकिन यह जुगाड़ गाड़ी लॉकडाउन में बड़े काम की निकली.

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