कोरोना पर बोला स्वास्थ्य मंत्रालय, ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकना हमारी प्राथमिकता’

नई दिल्ली 
कोरोना वायरस के खतरे पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि अभी सरकार का मुख्य फोकस लोकल ट्रांसमिशन और कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकना है। कोरोना के ट्रांसमिशन के चेन को रोकने पर सरकार जोर दे रही है। रविवार को कोरोना पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि अभी तक 341 कन्फर्म केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ' हमारा मुख्य फोकस लोकल ट्रांसमिशन और कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने पर है। हमारे लिए ट्रांसमिशन की चेन को रोकना काफी महत्वपूर्ण है।' आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वायरस हवा में मौजूद नहीं है, लेकिन इसको फैलने से रोकने के लिए विदेशों से आने वाले लोगों को अलग करना बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार हरियाणा के झज्जर स्थित 800 बिस्तरों वाले एम्स को कोरोना वायरस के पीड़ितों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। 

भार्गव ने आगे बताया, ' 60 निजी लैब ने कोरोना के टेस्ट के लिए रजिस्टर किया है। जिसमें से कई को मंजूरी दी जा रही है। लोगों को इसकी बीमारी के समझना जरूरी है। 80 फीसदी लोग सर्दी जैसा बुखार महसूस करेंगे और वे ठीक हो जाएंगे। 20 फीसदी लोग कफ, सर्दी और बुखार महसूस कर सकते हैं और उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ सकता है। जिन 5 फीसदी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है उन्हें इलाज के लिए दवाइयां दी जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल ने कहा, 'राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय करने चाहिए कि जिन 75 जिलों में बंदी की घोषणा की गई है वहां गरीबों को समस्याओं का सामना न करना पड़े। 

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