कोरोना के संकट के बीच रायपुर में पीलिया का कहर, मिले 136 मरीज

रायपुर
जलजनित रोगों में पीलिया रोग सबसे घातक माना जाता है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हर वर्ष अप्रैल से लेकर जुलाई के बीच पीलिया बीमारी का कहर रहता है. भले ही राजधानी को स्मार्ट सिटी के रुप में लोग जानतें है, मगर मुलभूत सुविधाएं स्मार्ट तरीके से नहीं मिल पा रही हैं. हर साल लोग पीलिया की चपेट में आ रहे हैं. इस साल राजधानी रायपुर में पीलिया के मरीजों की संख्या अब तक 136 हो चुकी है.

रायपुर से होकर बहने वाली खारुन नदी में एम्स और गोकूल नगर नाला का गंदा और बदबूदार पानी लगातार आ रहा है. जब पीलिया रोग फैला तब शहर सरकार हरकत में आई और पता लगाया कि कहां से गंदा पानी की सप्लाई हो रही है. इसकी जांच की गई. जांच में पता चला कि सबवेल के पास फिल्टर बेल्ट का एरिया में विशेष तरह की रेत डाली जाती है, वह रेत मिटटी में तब्दील हो गया है उसी में कीड़े होने की पुष्टी हुई है. संभवत यही पानी घरों तक पहुंच रहा है. अब निगम ने उन 16 बेल्ट को बदलनें का काम शुरू कर दिया है. पहली खेप में 2 बेल्टो को बदला जाएगा.

रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि पानी की गुणवत्ता की क्रॉस जांच बाहर के लैब में भी कराई गई है. फिल्टर बेल्ट को बदलनें के आदेश दिए है। जिन स्थानों से नदी में गंदा पानी आ रहा था, उसके रुख को मोडनें के आदेश दिए हैं. लोग को घर के पानी को उबाल कर पीना होगा,जब तक फिल्टर बेल्ट में सुधार नहीं हो जाता. बता दें कि पिछले दो सालों में पीलिया से रायपुर में 8 लोगों की जान जा चुकी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *