कुत्तों के खौफ से दहशत में राजधानी, ढाई साल की बच्ची को नोंचा, लोगों ने एक कुत्ते को मार डाला

भोपाल
राजधानी भोपाल खूंखार कुत्तों के आतंक के साये में रहने को मजबूर है| पिछले दिनों छह साल के मासूम संजू जाटव  की आधा दर्जन कुत्तों ने नोच – नोच कर जान ले ली थी| इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद प्रशासन जागा और बैठकों का दौर चला, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा| इस बीच गिन्नाैरी में आवारा कुत्ताें ने ढाई साल की बच्ची को लहूलुहान कर दिया। चीख सुनकर लाेग दाैड़े और बच्ची की जान बचा ली। उसके गाल और पीठ पर गहरे घाव हुए हैं। कुत्तों का आतंक यहीं नहीं रुका। यहां से जब भगाया तो पड़ोस के घर में घुसे और महिला का हाथ काट दिया। एक होटल पर चाय पी रहे व्यक्ति के पैर को दबोच लिया। एक अन्य राहगीर पर भी हमला किया। नाराज लोगों ने एक कुत्ते को मौके पर ही घेरा और लाठी-डंडों से मार दिया।

मंगलवार को गिन्नौरी क्षेत्र स्थित कप्तान शादी हॉल के पास कुत्ताें ने एक के बाद एक पांच लाेगाें काे काटा। इससे गुस्से में आए लोगों ने एक कुत्ते को घेरकर मार डाला।   उनमें से एक कुत्ते ने ढाई साल की मासूम तहूरा का मुंह नोंच लिया। आसपास के लोग उसे चप्पल और डंडों से मारकर भगाने की कोशिश करते रहे, लेकिन उसने मासूम के गाल को जबड़े से नहीं छोड़ा। इससे पहले भी भोपाल में ऐसी खौफनाक घटनाएं लगातार सामने आ चुकी हैं| इसके बावजूद निगम के जिम्मेदार औपचारिकता पूरी कर लौट आते हैं, लेकिन अब तक आवारा कुत्तों के खौफ को ख़त्म करने में प्रशासन नाकाम साबित हुआ है, वहीं ऐसी घटनाएं जारी है| जिससे राजधानी वासियों में खासा रोष है| इससे पहले 10 मई को अवधपुरी क्षेत्र में मासूम संजू को आवारा कुत्तों ने उसकी मां सावित्री जाटव की आंखों के सामने ही नोंच-नोंच कर मौत के घाट उतार दिया था। संजू अपने घर के बाहर खेल रहा था। तभी आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया था।

 कुत्तों पर अब तक खर्च हुआ इतना

  • आवारा कुत्तों से जुड़ी समस्या पर निगम सालाना 3.30 करोड़ रुपए करती है खर्च
  •  2 करोड़ रुपए एबीसी और कुत्तों के वेक्सीनेशन का खर्चा
  • रैबिज के वेक्सीनेशन पर औसतन सालाना एक करोड़ खर्च, साथ ही स्वास्थ्य विभाग अलग खर्च कर रहा है
  • नगर निगम के डॉग स्क्वॉड में लगभग 40 सदस्यीय टीम और 6 डॉग कैचर व्हीकल.
  • डॉग स्क्वॉड टीम सहित व्हीकल पर सालाना 60 लाख रुपए हो रहे हैं खर्च

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