किस दिन है होलिका दहन? यहां जानें पूजा की सही विधि

नई दिल्ली 
महाशिवरात्रि के पावन पर्व के बाद हर भारतीय को रंगों के त्योहार होली का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है. हिन्दू धर्म में भी इस पर्व का बहुत अधिक महत्व है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जिसे अन्य शब्दों में रंगों का त्योहार भी कहा जाता है.
 
हिन्दू धर्म के मुताबिक, यह पर्व 2 दिन मनाया जाता है. इसमें सबसे पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग वाली होली खेली जाती है. होलिका दहन के दिन लकड़ी के ढेर की पूजा की जाती है और उसकी परिक्रमा की जाती है. जबकि, होली वाले दिन रंगों, अबीर और गुलाल से होली खेली जाती है. इस साल 9 मार्च 2020 को होलिका दहन है और 10 मार्च 2020 को होली खेली जाएगी.
 
होलिका दहन जिस स्थान पर करना है, उसे अच्छे से साफ करें. फिर वहां गंगा जल छिड़क कर उसे शुद्ध करें. सूखी लकड़ियों का ढेर बनाएं. अग्नि समर्पित करने से पूर्व होलिका का विधिवत पूजन करें. पूजन करते वक्त पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए. ये पूजन किसी पण्डित से करवाना श्रेयस्कर रहता है.
 
होली की रात चंद्रमा के उदय होने के बाद अपने घर की छत पर या खुली जगह, जहां से चांद नजर आए, वहां खड़े हो जाएं. फिर चंद्रमा का स्मरण करते हुए चांदी की प्लेट में सूखे छुहारे तथा कुछ मखाने रखकर शुद्ध घी के दीपक के साथ धूप एवं अगरबत्ती अर्पित करें. अब दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें.

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