किसे करें कॉल, अगर आपको होता है कोरोना तो दिल्ली में कहां जाएं

 
नई दिल्ली 

पिछले कुछ समय में कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी तेजी आई है. कई ऐसे कोरोना के मरीज भी सामने आए हैं जिनके अंदर इस वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखते. वो आम आदमी की तरह पूरी तरह से स्वस्थ दिखते हैं. लेकिन जांच करने पर उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ रही है.

मौजूदा हालात में कई बार लोगों को किसी लक्षण की वजह से या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की वजह से ये भ्रम होता है कि कहीं उसे कोराना संक्रमण तो नहीं है, क्या उसे जांच करा लेनी चाहिए. लेकिन कई लोगों को ये मालूम नहीं होता है कि कोरोना की जांच करवाने की प्रक्रिया कैसे शुरू होगी. उन्हें किसे कॉल करना चाहिए या कहां जाना चाहिए?

इस आर्टिकल में यही बताया गया है कि अगर किसी दिल्लीवासी को कोरोना की जांच करवानी है तो वो कैसे कराएं? इस संबंध में एक टोल फ्री नंबर- 1075 दिया गया है, जिसपर संपर्क कर व्यक्ति अपनी परेशानी साझा कर सकते हैं. इसके अलावा दिल्‍ली के लिए कोरोना वायरस हेल्‍पलाइन नंबर- 011-22307154/22307145 पर भी बात कर सकते हैं. इसके अलावा व्यक्ति चाहें तो सीधे कोविड-अस्पताल में जाकर अपनी परेशानी बता सकते हैं.

अस्पताल में संबंधित व्यक्ति से पूछताछ की जाएगी. अगर डॉक्टर को लगा कि जांच करने की जरूरत है तो फिर जांच होगी या फिर घर भेज दिया जाएगा. अगर किसी व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है तो उसे रिपोर्ट आने तक होम क्वारनटीन में रहने को कहा जाएगा. डॉक्टर संबंधित व्यक्ति से ये भी बताएंगे कि रिपोर्ट आने तक क्या करना है और क्या नहीं?
 

अगर किसी शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और लक्षण भी स्पष्ट दिख रहे हैं तो उन्हें कोरोना डेडिकेटेड अस्पतालों या कोविड अस्पतालों में भेजा जाएगा, जहां पर मरीज एक्सपर्ट की देखरेख में रहेंगे और उनका इलाज चलेगा. लेकिन अगर किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है लेकिन उसके अंदर कोई बड़े लक्षण नहीं दिख रहे और वो सामान्य जान पड़ रहा है तो अस्पताल उन्हें होम आइसोलेशन में रहने को कहेगा. हालांकि होम आइसोलेशन के लिए सरकारी निर्देश जारी किए जाएंगे. जिसका पालन करना कोरोना संक्रमित शख्स के लिए जरूरी होगा.

अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति जो सामान्य दिखता है लेकिन किसी दिक्कत की वजह से होम आइसोलेशन में रहने को लेकर असमर्थता जाहिर करता है तो फिर उसे सरकारी आइसोलेशन सेंटर में भेजा जाएगा.

जिन मरीजों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और वो सामान्य दिख रहे हैं तो आठवें दिन उनकी सैंपल जांच की जाएगी. अगर उनकी रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आती है तो फिर तीन दिनों के बाद उसकी जांच की जाएगी. जब तक मरीज का रिपोर्ट निगेटिव नहीं आता, उन्हें घर नहीं भेजा जाएगा.
 
वहीं जो व्यक्ति होम आइसोलेशन में है, मेडिकल टीम उनके भी संपर्क में रहेगी. लक्षण सामान्य रहने की स्थिति में उनकी भी आठवें दिन जांच की जाएगी और आगे की प्रकिया सरकारी आइसोलेशन सेंटर वाली ही होगी.

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