किसानों को मिलने जा रही बड़ी सौगात, छह लाख का कर्ज होगा माफ

भोपाल
लोकसभा चुनाव के बाद अब कमलनाथ सरकार एक्शन मोड में आ गई है। प्रदेश के लाखों किसानों को लंबे समय से अपने कर्जमाफी का इतजार है। सरकार अब प्रदेश के सहकारी बैंके से कर्जलेने वाले किसानों का कर्ज माफ करेगी। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इस चरण में राज्य सरकार ऐसे किसानों का कर्ज माफ करेगी जिन पर दो लाख तक का कर्ज है। बताया जा रहा है इस चरण में करीब 6 लाख खातेदार किसानों का कर्ज माफ करेगी। किसान कर्जमाफी के दूसरे चरण से सरकार पर पांच हज़ार करोड़ का भार आएगा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में फिलहाल एक ही खाते का कर्ज माफ करने का फैसला किया है।  मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में यह बैठक करीब चार घंटे चली। इसमें लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, वनमंत्री उमंग सिंघार, उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल शामिल हुए। सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह और गृहमंत्री बाला बच्चन को भी बैठक में शामिल होना था पर वे नहीं पहुंच पाए।

कोई भी हितग्राही छूटना नहीं चाहिए, प्रचार प्रसार करें बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी पर चर्चा करते हुए संबंधित विभाग के अफसरों से कहा कि कोई भी पात्र हितग्राही नहीं छूटना चाहिए और इसके प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसमें राजनैतिक और प्रशासनिक स्तर पर कोई चूक नहीं होनी चाहिए। बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई कि कर्जमाफी कैसे की जाए। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर मंत्री योजनाओं को प्रचारप्रसार न होने से सरकार के निर्णयों का पार्टी को लाभ नहीं मिलने की बात कैबिनेट की बैठकों में उठा चुके हैं। इसलिए सरकार इस मामले में प्रचारप्रसार पर विशेष जोर दे रही है।

सरकार अभी सिर्फ एक बैंक खाते का कर्ज करेगी माफ बैठक में यह साफ किया गया कि किसानों के एक ही खाते का कर्ज माफ किया जाएगा। भले ही किसान दो या उससे ज्यादा बैंकों के खातेदार हों। मुख्यमंत्री नाथ ने साफ कहा कि योजना का लाभ अंतिम कड़ी तक पहुंचना चाहिए। बैठक में नया सवेरा योजना पर भी बात की गई। हालांकि इसमें ज्यादा विस्तार से चर्चा बाद में होगी। योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री नाथ ने सभी विभागों के अफसरों से कहा कि इस योजना में नया क्या कर सकते हैं, इस पर विचार करो। वहीं पट्टा वितरण पर भी बाद में चर्चा होगी।

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