कारोना संकट के बीच पानी के संकट से भी जूझ रहे लोग, पारा 45 डिग्री के पार

रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कारोना संकट के बीच कई इलाकों में लोग भीषण पानी के संकट से भी जूझ रहे हैं. ऐसा ही इलाका हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार है जहां आए दिन लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. राजधानी का पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है. ऐसे में पानी नहीं मिलने से हाउसिंग बोर्ड के प्रति भी लोगों के नाराजगी का पारा चढ़ा हुआ है. 1400 से अधिक मकानों वाले इस कॉलोनी में आए दिन आधे से अधिक आबादी को पानी नहीं मिल पा रहा है.

लोगों को पानी सप्लाई के लिए 3 पानी की टंकियां हैं लेकिन इनके मोटर हमेशा बिगड़ते ही रहते हैं. अभी 4 दिनों से सेक्टर 2,3 और 4 को पानी सप्लाई करने वाला मोटर बिगड़ने होने के कारण पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं कुछ दिनों पहले सेक्टर 5-6 को पानी सप्लाई करने वाले मोटर में खराबी आ गई थी. कम क्षमता का मोटर लगाने से इस तरह की समस्या आए दिन लोगों को हो रही है लेकिन इससे हाउसिंग बोर्ड को कोई मतलब नहीं है. जबकि लोगों से पानी का सालाना 2400 के अलावा सफाई के नाम पर 2760 रुपया सालाना अलग से शुल्क लेना हाउसिंग बोर्ड ने शुरू कर दिया है. लेकिन पानी और सफाई जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाने में पूरी तरह से हाउसिंग बोर्ड नाकाम है.

अभी पानी समस्या को देखते हुए टैंकर से भी सप्लाई की जा रही है लेकिन इतनी बड़ी कॉलोनी में रोजाना 3-4 टैंकर पानी से सभी को पूर्ति नहीं हो पाती है. सेक्टर 3 में रहने वाले राजेन्द्र निमाडे का कहना है 4 दिनों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. 5 मिनट से ज्यादा नल नहीं चल रहा है. भीषण गर्मी के कारण पीने के पानी की समस्या के अलावा दैनिक उपयोग के लिए पानी ही नहीं मिल पा रहा है. आज एक बार फिर सेक्टर 5-6 को पानी सप्लाई करने वाले पानी टंकी के मोटर में खराबी आ गई है. लोगों को सुबह पानी नहीं मिल पाया है.

वार्ड की पंच प्रियंका चौधरी का भी  मानना है कि वास्तव में पानी की भीषण समस्या है जिससे आए दिन जूझना पड़ रहा है. टैंकरों से पानी सप्लाई के बावजूद सबको पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं हाउसिंग बोर्ड के कार्यपालन अभियंता डीके रावटे का कहना है कि मोटर को सुधरवा दिया गया है. अब समस्या नहीं होगी.

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