कानपुर में हफ्तेभर में 100 से ज्यादा की मौत, जनजीवन प्रभावित, उत्तर प्रदेश में ठंड का कहर जारी

 कानपुर 
शीतलहर ने उत्तर भारत समेत पूरे उत्तर प्रदेश अपनी चपेट में ले रखा है। कड़ाके के ये सर्दी दिनोदिन जानलेवा हो रही है। बुधवार को कानुपर में 11 और लोगों की मौत हो गई। इनमें ब्रेन स्ट्रोक से मरने वालों की संख्या अधिक है। हालत यह है कि एक हफ्ते में करीब 100 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। सर्वाधिक आफत हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों पर है। मरीजों को बचाने के लिए सरकारी अस्पतालों में उपाय किए जा रहे हैं। हैलट में एक हजार कंबल उपलब्ध कराए गए हैं।

उर्सला, कार्डियोलॉजी, चेस्ट अस्पताल और हैलट इमरजेंसी को विशेष तौर पर सतर्क किया गया है। यहां मरीजों को राहत देने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक भर्ती होने वाले लगभग सभी मरीज ठंड से पीड़ित वाले हैं। आमतौर पर स्वस्थ सीजन समझे जाने वाल इस मौसम में भी हैलट के मेडिसिन वार्ड के सभी बेड फुल हैं। कार्डियोलॉजी में पहले से ही बेड फुल चल रहे हैं। आलत यह है कि 24 घंटे की इमरजेंसी में रोजाना 150 मरीज पंजीकृत हो रहे हैं।

बुधवार को ठंड के चलते बड़े सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में अफरातफरी की स्थिति है। हालांकि ओपीडी में अन्य दिनों की अपेक्षा कम भीड़ थी मगर इमरजेंसी फुल थी। बुधवार को हैलट में ब्रेन स्ट्रोक से मरने वालों में शिवपाल सिंह (80) टिकरा कानपुर, धर्मेंद्र सचान (57) निवासी सजेती, पप्पू (45) निवासी गोविंदनगर, शिवदुलारी (75) निवासी नौबस्ता, सुगरा बेगम (70) निवासी जाजमऊ, देवी शंकर (75)निवासी बीघापुर उन्नाव शामिल हैं।

हार्ट अटैक से कार्डियोलॉजी में मरने वालों में देवकरन (62) निवासी बिल्हौर, रहमान (58) निवासी बांगरमऊ, चुन्नी (72) निवासी घाटमपुर, मंगली निवासी रनियां शामिल हैं। वहीं, सेंट्रल स्टेशन पर 58 साल के शख्स ने दम तोड़ दिया। जीआरपी प्रभारी के मुताबिक सिटी साइड सुबह अचेत हालत में वह पड़ा था। हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हैलट के डॉ. एसके गौतम के मुताबिक सर्दी में दूसरी बीमारियां उभर आई हैं।

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