कानपुर की कलावती ने संभाला PM का ट्विटर 

 
नई दिल्ली 

कलावती ने ट्व‍िटर पर अपने वीडियो मैसेज में बताया कि कानपुर की जिस राजापुरवा झोपड़ पट्टी में रहती थीं, वहां की स्थितियां काफी खराब थीं. न पीने का पानी न कपड़ा धोने नहाने का साधन था. मैंने बीड़ा उठाया और लोगों से मिलना शुरू किया. भीख मांगकर 50-50 रुपये जोड़े और किसी तरह वहां शौचालय बनाया 
 
कैसे संघर्षों से पाया पार, कलावती की दास्तां

सीतापुर जिले की रहने वाली कलावती देवी की शादी महज 13 साल की उम्र में हुई थी. शादी के बाद वो पति के साथ कानपुर में राजापुरवा स्लम में आकर बस गईं. कलावती कभी स्कूल नहीं गई थीं, लेकिन कुछ करने का जज्बा हमेशा से था. उनका स्लम गंदगी के ढेर पर बसा था. करीब 700 आबादी वाले इस पूरे मोहल्ले में एक भी शौचालय नहीं था, सभी लोग खुले में शौच के लिए जाते थे.

दो दशक पहले एक स्थानीय एनजीओ ने राजा का पुरवा में शौचालय निर्माण के लिए पहल शुरू की, जिससे कलावती जुड़ गईं. कलावती को राजमिस्त्री का काम आता था. इसलिए उन्होंने मोहल्ले का पहला सामुदायिक शौचालय बनाया. कलावती की मानें तो यह आसान नहीं था. लोग इस काम के लिए ताना मारते थे. यही नहीं मोहल्ले में लोग जमीन खाली करने के लिए राजी नहीं थे.

वो कहती हैं कि वहां रहने वाले लोगों को शौचालय की जरूरत समझ में नहीं आ रही थी. मेरा एक ही काम था कि घर-घर जाकर सबको समझाना. काफी समझाने के लिए लोग राजी हुए. वो तत्कालीन नगर निगम के आयुक्त से मिलीं. दूसरे स्लम बस्तियों में शौचालय निर्माण कराने का प्रस्ताव रखा. अधिकारियों ने प्रस्ताव रखा- यदि मोहल्ले के लोग शौचालय की कुल लागत का एक तिहाई खर्च उठाने को तैयार हो जाएं तो दो तिहाई पैसा सरकारी योजना के तहत लिया जा सकता है.

कई बार के समझाने के बाद दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चलाने वाले लोगों ने पैसे का इंतजाम किया. इसके बाद चीजें व परिस्थितियां बदलने लगीं. पहल आगे बढ़ी और कलावती ने 50 से अधिक सामुदायिक शौचालय बनाए. धीरे-धीरे यह काम कलावती के लिए जुनून बन गया. बता दें कि कलावती के पति की मौत के बाद भी वो नहीं टूटीं और जागरूकता का काम जारी रखा. आज 58 साल की उम्र में कलावती 4000 से अधिक शौचालय बना चुकी हैं.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा था कि इस महिला दिवस पर मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स उन महिलाओं को समर्पित कर दूंगा, जिनकी जिंदगी और काम हम सभी को प्रेरित करता है. इससे ये महिलाएं लाखों लोगों का हौसला बढ़ाने में मदद कर सकेंगी. अगर आप भी ऐसी महिला हैं या दूसरों के लिए प्रेरणा बनने वाली महिलाओं के बारे में जानती हैं तो उनकी कहानी #SheInspiresUs पर साझा करें. इस हैशटैग के साथ महिलाएं अपनी कहानी साझा करेंगी.

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