कांग्रेस में वापसी करेंगे नारायण राणे?
मुंबई
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा के सदस्य नारायण राणे कांग्रेस में लौट सकते हैं। यह संकेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने दिया। वह रविवार को अहमदनगर के नेवासा में कांग्रेस के एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, थोरात ने कहा, ‘राणे को लग रहा है कि बीजेपी से जुड़कर गलती हो गई है।’
थोरात ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस छोड़कर गए कई अन्य नेता भी कांग्रेस में लौटने की तैयारी में हैं। जानकारों का मानना है कि बीजेपी आगामी चुनाव में मराठा समाज को दिए गए 16 प्रतिशत आरक्षण को जमकर भुनाएगी। राणे ऐसे में कांग्रेस के लिए तुरुप का पत्ता हो सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस-एनसीपी सरकार में नारायण राणे समिति ने ही सबसे पहले मराठा समाज को 16 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की थी।
तो राणे राज्यसभा से देंगे इस्तीफा
दूसरी ओर आगामी लोकसभा चुनाव में शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन होने की संभावना है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या शिवसेना ऐसे गठबंधन का हिस्सा बनेगी, जिसमें राणे भी शामिल हों/ बीजेपी को शिवसेना से गठबंधन करने के लिए राणे को छोड़ना होगा। अगर बीजेपी ने ऐसा किया, तो नारायण राणे राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। उसके बाद राणे के पास कांग्रेस या एनसीपी- यही दो विकल्प होंगे। हो सकता है कि राणे सीधे कांग्रेस या एनसीपी में शामिल होने के बजाय अपनी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी को कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का हिस्सा बना लें। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात के राणे के कांग्रेस में लौटने के संकेत के बाद राणे के अगले राजनीतिक कदम की चर्चा तेज हो गई है।
सिंधुदुर्ग-रत्नागिरि में राणे का असर
कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात का बयान ऐसे समय में आया है, जब कि सोमवार से कांग्रेस की जनसंघर्ष यात्रा राणे के गढ़ कोकण में शुरू होने जा रही है। कांग्रेस की जनसंघर्ष यात्रा का यह छठवां चरण है और सोमवार को सिंधुदुर्ग से इसकी शुरुआत होनी है। कोकण में सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि दोनों जिलों में राणे का अच्छा खासा प्रभाव है। यह दोनों जिले शुरू से ही राणे परिवार का कार्यक्षेत्र रहे हैं। 21 और 22 जनवरी को प्रदेश कांग्रेस के तमाम बड़े नेता जनसंघर्ष यात्रा के लिए सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि में होंगे। देखना यह है कि राणे की ओर से इस दौरान क्या प्रतिक्रिया आती है और राणे के घर में कांग्रेस उनके प्रति कैसा रुख दिखाती है।