कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग, मंत्री इमरती देवी ने कहा- सिंधिया को मिले MP की कमान

भोपाल
 लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठनी शुरू हो गई है| कई नेता जहां दबी जुबान में संगठन में बदलाव के लिए सुर बुलंद कर रहे हैं, तो वहीं कुछ बड़े नेता खुलकर अपनी राय रख रहे हैं| भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव हारे कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विधायक भाई लक्ष्मण सिंह ने जहां सही व्यक्ति को संगठन की जिम्मेदारी सौंपने की बात सोशल मीडिया पर कही तो वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी ने प्रदेश की कमान सिंधिया को सौंपे जाने की पैरवी की है|

कैबिनेट मंत्री इमरती देवी ने ग्वालियर में कहा कि अब मध्य प्रदेश की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलना चाहिए| उन्होंने कहा कि मैं पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मांग करूंगी कि महाराज को प्रदेश की कमान सौंपे|  वहीं गुना-शिवपुरी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार पर इमरती देवी ने ईवीएम पर उंगली उठायी| उन्होंने कहा कि हार की वजह ईवीएम में गड़बड़ी भी हो सकती है|   

दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई और अगले पांच माह में ही लोकसभा चुनाव में बुरी तरह धराशायी हो गई| कांग्रेस के सभी दिग्गज चुनाव हार गए और 22 से ज्यादा सीटों पर जीत का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी के खाते में सिर्फ एक सीट कमलनाथ की आई| हालाँकि छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ की परंपरागत सीट है जहां इस बार उनके बेटे नकुलनाथ जीते हैं, यह जीत पार्टी से ज्यादा कमलनाथ की व्यग्तिगत जीत मानी जा रही है| विधानसभा चुनाव से छह माह पहले कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी, जिसके बाद कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली और कांग्रेस का सत्ता का वनवास ख़त्म हुआ| लेकिन सीएम बनने के बाद भी हाई कमान के निर्देश पर उनके द्वारा पद नहीं छोड़ा गया| हालाँकि तब भी भोपाल से दिल्ली तक इस बात की चर्चा जोरो पर रही कि कांग्रेस की कमान किसी अन्य नेता को सौंपी जा सकती है| जिनमे पहले नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का चला| लेकिन ऐसा हुआ नहीं| अब एक बार फिर कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज हो गई है|

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