कांग्रेस को राहत, ‘मंत्री’ की शर्त के बिना भी सरकार को जारी रहेगा बसपा का समर्थन

भोपाल
कमलनाथ कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाराज बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा सत्र से पहले स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार को उसका समर्थन जारी रहेगा। मंत्री बनाए जाने को लेकर पार्टी ने कोई शर्त नहीं रखी। कांग्रेस सरकार को समर्थन देने का निर्णय पार्टी सुप्रीमो मायावती पहले ही कर चुकी हैं, उसमें कोई बदलाव नहीं है। 

प्रदेश बसपा के अध्यक्ष डीपी चौधरी ने कहा कि  पार्टी के दोनों विधायकों को इस बारे में पार्टी सुप्रीमो पहले ही दिशा-निर्देश दे चुकी हैं।  चौधरी ने बताया कि विधानसभा में अध्यक्ष को लेकर मायावती से मार्गदर्शन मांगा है। उन्होंने बताया कि बसपा प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में दोनों विधायक रामबाई सिंह परिहार और संजीव सिंह भी मौजूद थे।

इससे पहले रविवार को बसपा विधायक रामबाई ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उनकी उपेक्षा पार्टी को भारी पड़ सकती है। विधायक रामबाई ने कहा कि हम बीएसपी प्रमुख बहन जी मायावती के आदेश का पालन करेंगे। अगर उन्होंने समर्थन के लिए कहा है तो हम कांग्रेस के साथ हैं अगर वह मना करेंगी तो हम पीछे हट जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि हमारी भागीदारी सरकार में क्या होगी। हमें अब तक ये समझ नहीं आ रहा है कि हमारी भागीदारी अभी क्या है। बीजेपी नेताओं से संपर्क में होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में मिलने के लिए सभी दल के लोग आते हैं। बीजेपी के लोग भी आ रहे हैं। भोपाल में भी कई नेताओं ने मुलाकात की। लेकिन हम बहनजी के आदेश का पालन कर रहे हैं इसलिए कांग्रेस के साथ हैं। अगर बहनजी का आदेश नहीं होता तो हम कांग्रेस को बताते। वहीं, उनसे पूछा गया कि क्या बीएसपी विधायक विधानसभा अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि इसका निर्णय बहनजी करेंगी। 

वहीं, बीएसपी के दूसरे विधायक संजीव कुशवाहा ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा कि जनता का जो मैडेट है वह बीजेपी के खिलाफ है पर कांग्रेस को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। लोग अपना प्रयास करते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया है इसलिए अभी कांग्रेस के साथ है। बीजेपी के संपर्क में होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मैं पहले बीजेपी में था। संपर्क सबसे होता है। राजनीति में संवादहीनता नहीं होना चाहिए। सबसे मिलते रहना चाहिए। रही बात मंत्री बनने की तो इसका निर्णय बहनजी लेंगी। 

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