कांग्रेस की NYAY देश के लोगों के साथ करेगा ‘अन्याय’: एच एस पुरी

नई दिल्ली 
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्यूनतम आय योजना (न्याय) के चुनावी वादे को इस तरह से तैयार किया गया है कि इससे ‘‘दिवाला’’ निकलेगा। उन्होंने दावा किया कि यह देश के लोगों के खिलाफ अन्याय साबित होगी। मोदी सरकार में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने कहा कि कांग्रेस लोगों को यह बताना भूल गई कि यदि वह सत्ता में आयी तो वह उसे अकेले लागू नहीं करेगी बल्कि इसमें राज्य सरकार को भी योगदान करना होगा। 

राहुल की योजना से ​निकलेगा दिवाला 
मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि राज्यों को केंद्र के साथ समन्वय करके न्यूनतम आय योजना (न्याय) लागू करनी होगी। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस ने राज्यों से पूछा कि वे तैयार हैं या नहीं, जो बड़ी राशि खर्च करेंगे। न्याय के तहत कांग्रेस ने वादा किया है कि यदि वह सत्ता में आयी तो वह पूरे देश में 20 प्रतिशत सबसे गरीबों के खातों में 72 हजार रुपये वाॢषक जमा कराएगी। गत आठ अप्रैल को राहुल गांधी ने कहा था कि ‘‘न्याय’’ की अवधारणा लोकसभा चुनाव के लिए उसके प्रचार के मूल में है और इसे लोगों से पार्टी की ओर से किये गए वादों पर तैयार किया गया है।  

भाजपा की नीति बिल्कुल अलग
पुरी ने कहा कि कांग्रेस की नीति कर्ज बनाना है जैसा संप्रग सरकार ने 70 हजार लाख करोड़ रुपये का कृषि रिण माफ करके किया। उन्होंने हाल में शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का उल्लेख करते हुए कहा कि वहीं भाजपा की नीति बिल्कुल अलग है और केंद्र में उसकी सरकार किसानों के खातों में सीधे राशि जमा करा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि न्याय को इस तरह से तैयार किया गया है कि इससे दिवाला निकलेगा। हमारी नीति के तहत यदि आप जीएसटी..पंजीकृत व्यापारी हैं, आपको 60 वर्ष के बाद पेंशन मिलेगी।

कांग्रेस बताए न्याय के लिए कहां से आएगी राशि 
भाजपा नेता ने कहा कि यदि आप एक किसान हैं, आपको आपके बैंक खातों में पैसे मिलेंगे। हमारी सभी योजनाओं की प्रकृति कर के बिना विकास की है। कांग्रेस की न्याय अन्याय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल गैर गंभीर वादे करती है जो कि लोकसभा चुनाव में केवल राजनीतिक बढ़त प्राप्त करने के लिए है। पुरी ने सवाल किया कि न्याय के लिए राशि कहां से आएगी। उन्होंने भाजपा के घोषणापत्र का बचाव किया जो उनके अनुसार मुख्य तौर पर मध्यम वर्ग पर ध्यान देती है।
 

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