कांग्रेस की न्याय योजना के लिए ऐसे आएगा फंड, ये हो सकते हैं 4 विकल्प
नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो न्यूनतम आय योजना लागू की जाएगी. इसके तहत 5 करोड़ परिवारों के खाते में 72,000 रुपये हर साल डाले जाएंगे. इससे देश के 20 फीसदी गरीबों को सीधा फायदा होगा, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतना पैसा आएगा कहां से. जीडीपी और राजकोषीय घाटे पर इसका क्या असर होगा. अगर यह योजना लागू होती है तो 2019-20 में करीब 72,000 करोड़ की जरूरत होगी. पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का एक दल सामने आया है जिसने बताया है कि 4 तरीके से पैसे का इंतजाम किया जा सकता है.
फंड के इंतजाम का सवाल इसलिए भी वाजिब है कि केंद्र सरकार पहले से ही राजकोषीय घाटे को 2020 तक जीडीपी को 3% तक लाने के लिए संघर्ष कर रही है. सरकार का 2018-19 तक इसे घटा कर 3.3% और 2019-20 तक 3.1% तक करने का लक्ष्य न्याय योजना के कारण गड़बड़ा सकता है. बता दें कि 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा पहले से ही 3.4% है.
राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा
वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि अगर न्यूनतम आय योजना को लागू किया गया तो पहले से चल रहा राजकोषीय घाटा और अधिक बढ़ जाएगा. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपनी न्याय योजना को कैसे लागू करेगी, पार्टी ने अब तक पर्दा नहीं उठाया है. पार्टी का कहना है कि योजना को लागू करने की पूरी नीति मेनिफेस्टो में बताई जाएगी.
इस योजना को लेकर, पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का अर्थशास्त्रियों का एक समूह 'द वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब' 4 समाधानों के साथ सामने आया है. अर्थशास्त्रियों के इस समूह का कहना है कि भारत में आय असमानता भयानक स्तर पर पहुंच गई है. न्याय योजना की फंडिंग के लिए भारत के अमीरों से चार तरीकों से टैक्स वसूला जा सकता है.
योजना के लिए 4 विकल्प
1. 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले परिवारों पर कुल 2% टैक्स लगाने के बाद 2.3 लाख करोड़ रुपये वसूला जा सकता है, जो देश की जीडीपी का 1.1 फीसदी होगा. यह केवल शीर्ष 0.1% परिवारों को प्रभावित करेगा और 99.9% घर इससे अछूते रहेंगे.
2. दो करोड़ रुपये से अधिक की जमीन और घर पर 2% टैक्स लगाने के बाद 2.6 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.2 फीसदी होगा. बता दें कि ये केवल शीर्ष 1 फीसदी परिवारों को ही प्रभावित करेगा.
3. केवल 20 प्रतिशत का स्लैब अगर शीर्ष 0.1% आबादी के लिए एक बना दिया जाए, तो इससे 1.36 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 0.6% उत्पन्न किया जा सकता है. इसका मतलब है 50 लाख से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए 30% के मौजूदा टैक्स स्तर से बढ़ाकर 50% का मार्जिनल इनकम टैक्स ब्रैकेट जोड़ा जाए.
4. 70% टैक्स रेट का एक नया खांचा बनाया जाए, जो 1970 के दशक में अमेरिका और भारत में निर्धारित शीर्ष टैक्स की दर के लगभग बराबर हो, जो 20वीं शताब्दी में अमेरिका या ब्रिटेन की ऐतिहासिक ऊंचाइयों से तो काफी कम है, लेकिन जीडीपी का 1.2% उत्पन्न कर सकता है.
चूंकि कांग्रेस का कहना है कि पहले से चल रही सामाजिक योजनाओं और कार्यक्रमों को इस योजना से प्रभावित नहीं किया जाएगा, इसलिए अमीरों पर टैक्स लगाना कांग्रेस के लिए एकमात्र विकल्प हो सकता है.