COVID 19 : नोएडा में एक हफ्ते में साढ़े तीन गुना बढ़े कोरोना के मरीज

 नोएडा 
पिछले एक हफ्ते में कोरोना के मरीजों की संख्या नोएडा व ग्रेनो में साढ़े तीन गुना हो गई। उत्तर प्रदेश में कोरोना के सबसे अधिक मरीज इन्हीं दो शहरों में हैं। मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण नोएडा-ग्रेनो देश के सबसे प्रभावित टॉप पांच जिलों में शुमार हो गया है। सोमवार तक 38 मरीजों की पुष्टि की जा चुकी थी। यहां कोरोना का संक्रमण बढ़ने का मुख्य कारण 2000 से अधिक लोगों का इस बीमारी से प्रभावित देशों से वापस आना रहा।

नोएडा में आठ मार्च को कोरोना संक्रमित पहले मरीज की पुष्टि की गई। गाइड का काम करने वाला यह व्यक्ति इटली के कुछ लोगों के साथ भारत आया था। इसका घर नोएडा और दिल्ली में भी है। ऐसे में इसका इलाज दिल्ली में हुआ और अब वह स्वस्थ है। प्रदेश सरकार ने इसे नोएडा का मरीज मानते हुए पहला केस माना। 24 मार्च तक लग रहा था, सब नियंत्रण में है, लेकिन इसके बाद मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई।  24 मार्च को 11 मरीज थे जो 30 मार्च को 38 हो गए यानि साढ़े तीन गुना की बढ़ोतरी एक सप्ताह में हुई। सबसे अधिक संक्रमण ब्रिटिश नागरिक से हुआ जो एक कंपनी का ऑडिट करने आया था।

इस कारण से नोएडा में बढ़े मामले 

चीन से 500 से अधिक और अन्य कोरोना प्रभावित देशों से 1500 से अधिक लोग नोएडा आए जिन लोगों के लक्षण मिले, उनके नमूने जांचे गए। वहीं, जिनके नहीं मिले, होम क्वारंटाइन रहने की बात कही गई। होम क्वारंटाइन वाले कई लोग बाहर निकले। 
सेक्टर-135 स्थित कंपनी के काम से आए ब्रिटिश नागरिक के आने के बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी नहीं दी गई। इस व्यक्ति के माध्यम से 23 लोग संक्रमित हुए। इससे संक्रमित लोग करीब 200 से अधिक लोग के संपर्क में आ चुके हैं। इन लोगों में भी बीमारी का खतरा है। 29 मार्च तक 32 मरीज थे। इसमें छह लोग कोरोना  प्रभावित देशों से संक्रमित होकर आए थे, जिनके माध्यम से 25 दूसरे लोग संक्रमित हुए। इन मरीजों के संक्रमण का माध्यम विदेश से आए लोग बने।  
वायरस के सामुदायिक फैलाव का खतरा बढ़ा
रविवार को 21 वर्षीय युवक में कोरोना वायरस की पुष्टि की गई। यह घोड़ी बछेड़ा गांव में दुकान चलाता है। यह कैसे संक्रमित हुआ। हालांकि इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा है। लिहाजा वायरस का माध्यम नहीं पता है। ऐसे में वायरस का फैलाव अब समुदाय में होने की आशंका बढ़ गई है। इस स्थिति में भविष्य में और मरीजों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है। 

ये उपाय किए जा रहे
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 700से अधिक बेड का क्वारंटाइन बनाया गया है। जिम्स मे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अब तक 5 मरीजेां का सफल इलाज किया जा चुका है। जिम्स में 20 और शिशु अस्पताल में 9 बिस्तरों पर इलाज की सुविधा है। वहीं, 60 आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। दो बंद अस्पताल, एक मेडिकल कॉलेज को जिला प्रशासन ने अधिगृहित किया है। एक बंद पड़े मेडिकल कॉलेज में 60 बिस्तरों पर इलाज करने की तैयारी की जा रही है।

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