कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने BJP ऑफिस पर किया विरोध प्रदर्शन, पार्टी ने लगाया हमले का आरोप
भोपाल
कांग्रेस (Congress) के नाराज कार्यकर्ताओं ने बुधवार शाम को यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय (BJP Office) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. जबकि भाजपा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है. बेंगलुरु में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) सहित प्रदेश कांग्रेस के मंत्रियों को कर्नाटक पुलिस द्वारा बुधवार सुबह कथित रूप से हिरासत में लिए जाने के विरोध में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय का घेराव करने जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे.
मालूम हो कि बेंगलुरु में बुधवार की सुबह उस रिसॉर्ट के पास नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला था जहां मध्य प्रदेश के बागी कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पुलिस पर विधायकों से मुलाकात न करने देने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने सिंह सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार मध्य प्रदेश में जल्द ही जाने वाली है. इसलिए भाजपा कार्यालय पर हमला किया गया है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम अपने कार्यालय में शांतिपूर्वक बैठे हुए थे. तभी कांग्रेस के लोगों ने पत्थरों और लाठियों से हमारे ऊपर हमला कर दिया.’’
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने भाजपा के इस आरोप से इंकार किया और कहा कि कार्यकर्ता वहां गए थे लेकिन विरोध करने से पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता कर्नाटक की भाजपा सरकार के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना चाहते थे जिसने बेंगलुरु में हमारे नेता दिग्विजय सिंह को हमारे विधायकों से ही नहीं मिलने दिया.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन पर भाजपा एक झूठी कहानी परोसने का नाटक कर रही है. आधारहीन आरोप लगाने के बजाय वह एक भी ऐसे व्यक्ति के बारे में बताए जो इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में आहत हुआ हो. घटनास्थल पर मौजूद हबीबगंज पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि घटना में किसी को चोट नहीं आई है. विरोध प्रदर्शन में हमें हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गये. इसके बाद ही मध्य प्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं. 14 मार्च, शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है. इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है. ये सभी 22 सिंधिया समर्थक विधायक एवं पूर्व विधायक बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं.