कहीं दिमाग दुरुस्त रखने वाले कॉलीन की कमी तो नहीं

पोषण के लिए शाकाहारी खाना बेहतर होता है या मांसाहारी, इस बात को लेकर लंबे समय से बहस हो रही है। इन दिनों पर्यावरण के लिए वेजिटेरियन डायट को काफी बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि, नॉन वेजिटेरियन डायट के मुकाबले वेजिटेरियन खाने से पर्याप्त पोषण मिलेगा या नहीं, यह ध्यान देने वाली बात है। सिर्फ शाकाहारी खाने से शरीर में एक अहम पोषक तत्तव की कमी हो सकती है जो ब्रेन हेल्थ के लिए जरूरी है।

एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि नॉन वेज छोड़ने से शरीर में कॉलीन की कमी हो सकती है। यह दिमागी स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है। यह लिवर फंक्शन पर भी असर डालता है। इसके अलावा इससे फैट मेटाबॉलिज्म पर भी असर पड़ता है। शरीर में कॉलीन लिवर में बनता है। हालांकि, शरीर के जरूरत के हिसाब से यह पर्याप्त नहीं होता है। ऐसे में इसे डायट में शामिल करना जरूरी है।

इन प्रॉडक्ट्स से मिलता है कॉलीन
डायट की बात करें तो कॉलीन मुख्य रूप से बीफ, अंडा, डेयरी प्रॉडक्ट्स, मछली और चिकन में होता है। वहीं, इसकी मात्रा, सब्जियों, नट्स और बीन्स में काफी कम होती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आप वेगन डायट पर स्विच कर रहे हैं तो आपको अपना डायट इस तरह प्लान करना चाहिए कि शरीर में इसकी मात्रा कम न हो।

गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी
चूंकि कॉलीन ब्रेन हेल्थ में काफी लाभदायक है, यह बच्चों के लिए काफी जरूरी है। गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी यह काफी अहम है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को भी कॉलीन पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए।

कितनी मात्रा जरूरी
1998 में यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिसिन ने बताया था कि रोज कितनी मात्रा में कॉलीन लेना आवश्यक है।
महिलाओं को- 415 मिग्रा
पुरुषों को- 550 मिग्रा
गर्भवती महिलाओं को- 450 मिग्रा
नई माओं के लिए- 550 मिग्रा

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