कहीं आप भी उन महिलाओं में से तो नहीं हैं, जो रसोई में करती हैं ये काम

घर की रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है, जहां गृहलक्ष्मी अपने परिवार व मेहमानों को स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार परोसती है। कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो देखने में दैनिक जीवन का हिस्सा लगती हैं लेकिन शास्त्रों, ज्योतिष और वास्तु के अनुसार सही नहीं होती। शास्त्रों के अनुसार स्त्री को कभी भी बिना नहाए रसोई घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से परिवार वालों की सेहत के लिहाज से समस्याएं आ सकती हैं।  

गृहिणी को रसोई तैयार करते समय प्रसन्न रहना अति आवश्यक है। तनाव या मानसिक दुविधा की स्थिति में खाना तैयार करने से परिवार के लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा सभी चिंतित रहेंगे।    

खाना तैयार करते समय गृहिणी को काले या लाल रंग के चप्पल, जूते आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि काले रंग को अग्रि का कुचालक माना जाता हैं तथा लाल रंग को अग्रि का स्रोत माना जाता है, जिससे स्वास्थ्य खराब होने की पूर्ण संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

समझदार गृहिणी चूल्हा जलाने के बाद पहली रोटी गाय को देती है और आखिरी रोटी कुत्ते को डालती है।

घर में पोंछा लगाने वक्त बाल्टी के पानी में नमक मिलाएं।

खाना पकाते समय अपना मुंह पूर्व दिशा में रखे तथा रसोई के अंदर तुलसी का पौधा स्थापित करें।

रसोई से जुड़ी सबसे पहली बात आपको ध्यान में रखनी चाहिए कि वहां कोई भी टूटा बर्तन, बेकार का सामान या कूड़ा-कचरा जमा न हो।

इलैक्ट्रॉनिक सामान जो आपके काम के नहीं हैं या खराब हो चुके हैं, उन्हें तुरंत रसोई के बाहर कर देना चाहिए। बेहतर होगा बिजली के बेकार उपकरण या तो ठीक करवा लें या फिर उन्हें घर से बाहर ही निकाल दें। यह स्थिति बच्चों के करियर में रुकावट बनती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार कभी भी घर का किचन और बाथरूम आमने-सामने नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा है भी तो आपको अपने बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए या रसोई के आगे पर्दा ढंक कर रखना चाहिए। अगर आप इस बात का ध्यान नहीं रखते तो निश्चित तौर पर यह घर के भीतर अशांति का वातावरण पैदा कर सकता है। यह स्थिति घर के मुखिया के लिए शुभ नहीं है।

कभी भी घर के मुख्य द्वार के समीप या ठीक सामने रसोई न बनाएं, इस स्थिति से घर के लोगों के बीच सामंजस्य और तालमेल की कमी आती है।

महिलाएं शाम के समय मंदिर जाते हुए चींटियों के लिए थोड़ा आटा और चीनी लेकर जाएं। इसस घर-परिवार पर चल रही अशुभता शुभता में बदलती है।

  खाना तैयार होने के बाद उसे चूल्हे पर न रखें अन्यथा घर से बरकत और लक्ष्मी चली जाती है।

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