कश्मीर में आतंकियों की भर्ती रुकी, लेकिन पाकिस्तानी घुसपैठ की साजिशें जारी: DGP

श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर में सेना की सख्त चौकसी के बीच अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं. राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बुधवार को कहा कि आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं के नई भर्ती होने की कोई रिपोर्ट नहीं है. डीजीपी ने कहा कि दक्षिणी कश्मीर में आतंकियों द्वारा फल विक्रेताओं को धमकाने के कुछ मामले सामने आए हैं. लेकिन पुलिस को स्थिति के बारे में पता है और हमारा काम यह देखना है कि उन्हें कोई डरा न सके.

दिलबाग सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की नई भर्तियों की कोई रिपोर्ट नहीं है. कुछ युवाओं को बहकाया (अतीत में) गया. लेकिन उनमें से कई को हम वापस लाने में सफल रहे. उन्होंने कहा, कुछ जगह घुसपैठ भी होने की खबरें हैं और पिछले महीने गुलमर्ग सेक्टर में दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को सेना ने पकड़ा था.'

4 सितंबर को सेना ने कहा था कि घाटी में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान कश्मीर में आतंकियों को भेजने की पूरी कोशिश कर रहा है. वीडियो क्लिप्स में दिखाया गया कि लश्कर-ए-तैयबा के दो पाकिस्तानी आतंकवादी- मोहम्मद खलील और मोहम्मद नजीम को 21 अगस्त को गुलमर्ग सेक्टर में गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों रावलपिंडी के रहने वाले थे.

घाटी में मौजूदा हालात पर डीजीपी ने कहा, घाटी में जिंदगी पटरी पर लौट रही है और बच्चे स्कूल व कर्मचारी दफ्तरों में जा रहे हैं. हालांकि दक्षिणी कश्मीर में आतंकियों ने फल विक्रेताओं को डराया-धमकाया है ताकि वह फल इकट्ठा न करें. लेकिन लोग ऐसा कर रहे हैं. डीजीपी ने बुधवार को कहा कि घाटी के बाहर के बाजारों में फल पहुंचाने के लिए दक्षिणी कश्मीर के जिले से 230 ट्रक रवाना हुए.

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