कलेक्टर के औचक निरीक्षण के बाद अस्पताल में मची हलचल

नीमच
 वर्षों से ट्रामा सेंटर के सामने अवैधानिक रूप से लगी गुमटियों को मंगलवार सुबह नगरपालिका प्रशासन ने हटा दिया। ट्रामा सेंटर के सामने गुमटियां लगी होने से रास्ता काफी सकरा हो गया था। इस अतिक्रमण को हटाने के कलेक्टर ने पूर्व में भी निर्देश दिए थे, लेकिन कार्रवाई करीब एक सप्ताह बाद मंगलवार को हुई। कलेक्टर के निर्देश के बाद भी कुछ ठेले और एम्बुलेंस अस्पताल के सामने जमे रहे।
रास्ता सकरा देख कलेक्टर ने दिए थे निर्देश

मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे कलेक्टर राजीव रंजन मीना अचानक जिला चिकित्सालय पहुंचे। अस्पताल में मरीजों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मेटरनिटी वार्ड एवं नवजात शिशु गहन चिकित्सा ईकाई का निरीक्षण किया। डा बीएल रावत को निर्देश दिए कि बच्चों के लिए दवाईयां आक्सीजन सहित ठंड से बचाव की पूरी व्यवस्था की जाए। कलेक्टर ने उस क्षेत्र को भी दौरा किया जहां अस्पताल स्टॉफ निवास करता है। वहां फैली गंदगी को लेकर नाराजगी व्यक्त की। अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया कि अस्पताल के कर्मचारियों के मकानों के सामने जो कचरा पेटी रखी उसे अन्यत्र रखवाया जाए। क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई कराईजाए। कलेक्टर ने पोषण पुर्नवास केन्द्र की सफाई व्यवस्था को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की। अस्पताल की बांउड्री से लगी अवैधानिक गुमटियों को तत्काल हटाने के निर्देश मुख्यनगरपालिका अधिकारी को दिए। आनन फानन में नपा अमले ने गुमटियों को हटवाया। भले कलेक्टर के निर्देश के तहत नपा अमले ने गुमटियां हटवाई हों, लेकिन कुछ दुकानदार नपा की कार्रवाई होता देख गुमटी पर ताला लगाकर वहां से चले गए। इसके अतिरिक्त अस्पताल के सामने सड़क किनारे खड़ी एम्बुलेंसों को भी व्यवस्थित खड़ा करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन एक भी एम्बुलेंस वहां से नहीं हटाईगई। पिछले दिनों कलेक्टर ने जब जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था तब ही ट्रामा सेंटर के सामने यातायात बाधित न हो इसके निर्देश दिए थे, लेकिन न तो अस्पताल प्रबंधन ने और न ही नगरपालिका प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया था। कलेक्टर के दूसरी बार अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के बाद भी हालात जस के तस थे। कलेक्टर की फटकार से बचने के लिए नपा अधिकारियों ने मंगलवार को औपचारिकता निभाते हुए गुमटियां हटवाईं।

१० रुपए में दिया जाए मरीजों के परिजनों को भोजन
कलेक्टर को निरीक्षण के दौरान ठेके पर कार्य कर रहीं महिला सफाई कर्मचारियों ने समय पर वेतन नहीं मिलने की शिकायत की। कलेक्टर को बताया कि एक तो वेतन समय पर नहीं मिलता और जो मिल रहा है वो भी मात्र ६ हजार रुपए है। इस कारण काफी परेशानी हो रही है। कलेक्टर ने इस संबंध में सिविल सर्जन को नियमित भुगतान करवाने के निर्देश दिए। साथ ही रोटरी आहार केन्द्र से मरीजों के परिजनों को 10 रुपए में भोजन प्रदाय करने की कार्ययोजना रोगी कल्याण समिति की बैठक में 16 जनवरी को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर की नजर अस्पताल में पड़े कबाड़ पर गई तो उन्होंने नीलाम करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अस्पताल अधिकारियों को बताया कि अस्पताल के हालात सुधार लें। कलेक्टर ने अस्पताल परिसर से बायो मेडिकल वेस्ट कक्ष को अन्यत्र शिफ्ट कर वहां मरीजों के परिजन के बैठने की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को कहा।

डायलिसिस मशीन जल्दठीक करने के दिए निर्देश
कलेक्टर मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने यहां डायलिसिस सेंटर, मेटरनिटी वार्ड, एनआरसी आदि का निरीक्षण किया। डायलिसिस मशीन जल्द ठीक कराने के निर्देश दिए। अस्पताल में सफाई व्यवस्था को लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। अस्पताल के सामने लगी गुमटियों को हटाने के निर्देश दिए। अस्पताल के सामने सड़क के नजदीक किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हो इसके निर्देश नगरपालिका अधिकारियों को दिए। सफाई कर्मचारियों ने समय पर वेतन नहीं मिलने की शिकायत भी कलेक्टर से की थी। कलेक्टर को सिविल सर्जन डा. बीएल बोरीवाल ने बताया कि भोपाल से ही समय पर वेतन नहीं आता है। इस कारण विलम्ब होता है।
– डा. एसएस बघेल, सीएमएचओ

सुविधाएं बेहतर करने देंगे जोर
अस्पताल में जो सुविधा और परिसर है उसका हम कैसे बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं इसका निरीक्षण किया। मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए। लापरवाही सामने आने पर सख्त कार्रवाईभी की जाएगी। मैं प्रत्येक सप्ताह अस्पताल का भ्रमण करूंगा। इसमें कहीं भी लापरवाही दिखाईदी तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
– राजीव रंजन मीना, कलेक्टर

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