कर्नाटक में फंसा सियासी पेच, स्पीकर बोले- 13 में 8 विधायकों के इस्तीफे कानून के मुताबिक नहीं

बेंगलुरु
कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के 13 विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। स्पीकर ने राज्यपाल वजुभाई वाला को खत लिखकर बताया है कि कोई बागी विधायक उनसे नहीं मिला है। 13 में 8 विधायकों के इस्तीफे कानून के मुताबिक नहीं हैं। मैंने इन विधायकों को पेश होने का समय दिया है। स्पीकर के इस कदम से कर्नाटक का संकट गहरा गया है और साथ ही इन विधायकों के इस्तीफे को लेकर संशय भी।

स्पीकर ने बताया, 'उन्होंने (गवर्नर वजुभाई वाला) विश्वास जताया है कि मैं संविधान का पालन करूंगा। राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से मेरा कोई संबंध नहीं है। मैं संविधान के अनुसार काम कर रहा हूं। अभी तक मुझसे किसी विधायक ने मिलने का समय नहीं मांगा है। अगर कोई मुझसे मिलना चाहता है तो मैं अपने दफ्तर में उपलब्ध रहूंगा। मुझे जिम्मेदारी से फैसला करना है। नियमों के अनुसार कोई समयसीमा तय नहीं है। क्लॉज में कहा गया है कि अगर स्पीकर को विश्वास है कि इस्तीफा अपनी इच्छा से दिया गया है तो उसे स्वीकार किया जा सकता है, वरना….मुझे नहीं पता, मुझे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। मुझे देखना पड़ेगा।'

मीटिंग से कांग्रेस के 21 विधायक गायब
बता दें कि विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि उसे सरकार बनाने का मौका मिलेगा, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने मंत्रियों को ले जाने के लिए बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा के पीए को भेजने का आरोप भी लगाया है। विधानसभा स्पीकर को जल्द ही कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला करना है। दोनों दलों के अलावा दो निर्दलीय विधायक भी सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 21 विधायकों के शामिल न होने से अटकलें तेज हो गई हैं।

कर्नाटक में फंसा सियासी पेच, स्पीकर बोले- 13 में 8 विधायकों के इस्तीफे कानून के मुताबिक नहीं

कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा है कि 13 में 8 विधायकों के इस्तीफे कानून के मुताबिक नहीं हैं। इन विधायकों को पेश होने को कहा गया है है।

कर्नाटक में गहराया संकट, एक और निर्दलीय विधायक का इस्तीफा

 
 
 
हाइलाइट्स

  • कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे से गहराता राजनीतिक संकट
  • कांग्रेस का बीजेपी पर विधायकों को लालच देने का आरोप
  • सिद्दारमैया ने की ऐंटी-डिफेक्शन कानून इस्तेमाल करने की मांग
  • कहा, सदस्यता रद्द हो, 6 साल तक न हो चुनाव लड़ने की इजाजतो

बेंगलुरु
कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के 13 विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। स्पीकर ने राज्यपाल वजुभाई वाला को खत लिखकर बताया है कि कोई बागी विधायक उनसे नहीं मिला है। 13 में 8 विधायकों के इस्तीफे कानून के मुताबिक नहीं हैं। मैंने इन विधायकों को पेश होने का समय दिया है। स्पीकर के इस कदम से कर्नाटक का संकट गहरा गया है और साथ ही इन विधायकों के इस्तीफे को लेकर संशय भी।

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स्पीकर ने बताया, 'उन्होंने (गवर्नर वजुभाई वाला) विश्वास जताया है कि मैं संविधान का पालन करूंगा। राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से मेरा कोई संबंध नहीं है। मैं संविधान के अनुसार काम कर रहा हूं। अभी तक मुझसे किसी विधायक ने मिलने का समय नहीं मांगा है। अगर कोई मुझसे मिलना चाहता है तो मैं अपने दफ्तर में उपलब्ध रहूंगा। मुझे जिम्मेदारी से फैसला करना है। नियमों के अनुसार कोई समयसीमा तय नहीं है। क्लॉज में कहा गया है कि अगर स्पीकर को विश्वास है कि इस्तीफा अपनी इच्छा से दिया गया है तो उसे स्वीकार किया जा सकता है, वरना….मुझे नहीं पता, मुझे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। मुझे देखना पड़ेगा।'

मीटिंग से कांग्रेस के 21 विधायक गायब
बता दें कि विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि उसे सरकार बनाने का मौका मिलेगा, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने मंत्रियों को ले जाने के लिए बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा के पीए को भेजने का आरोप भी लगाया है। विधानसभा स्पीकर को जल्द ही कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला करना है। दोनों दलों के अलावा दो निर्दलीय विधायक भी सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 21 विधायकों के शामिल न होने से अटकलें तेज हो गई हैं।

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NBT

कांग्रेस विधायकों की बैठक, बीजेपी पर आरोप
उधर, कांग्रेस के विधायक दल की बैठक मंगलवार को बेंगलुरु के विधान सौध में हुई। कांग्रेस नेता एमटीबी नागराज तबीयत खराब होने के कारण विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। उनके अलावा कांग्रेस के 78 में से 20 विधायक बैठक में नहीं पहुंचे। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी पर विधायकों को पैसे मंत्रिपद का लालच देने का आरोप लगाया है। यहां तक कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सरकार गिराने की कोशिश में सीधे तौर पर शामिल होना का आरोप लगाया है।

रद्द को सदस्यता: सिद्धारमैया
सिद्धारमैया ने दावा किया है कि विधायकों का इस्तीफा वास्तविक और उनकी मर्जी से नहीं दिया गया है, इस लिए उनके खिलाफ ऐंटी-डिफेक्शन कानून का इस्तेमाल होना चाहिए और उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि इन विधायकों को अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भरोसा जताया है कि सरकार बचेगी और टिकेगी भी। वहीं, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया है, 'राजनाथ सिंह कह रहे हैं कि उन्हें कोई मतलब नहीं, कोई दिलचस्पी नहीं है, इस बारे में कुछ पिता नहीं। बीएस येदियुरप्पा भी यही कह रहे हैं लेकिन वह अपने पीए को हमारे मंत्रियों को लेने भेज रहे हैं।'

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