कराची में ‘मीका सिंह नाइट’ में उपस्थित रहे आईएसआई अधिकारी, दाऊद का परिवार

नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से तनाव के हालात हैं। बावजूद इसके बॉलिवुड के स्टार सिंगर मीका सिंह के पाकिस्तान जाकर पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के एक रिश्तेदार के यहां परफॉर्मेंस देने से लोगों में नाराजगी है। हालांकि, अब इस पूरे वाकये से जुड़ी एक और चौंकाने वाले जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि मीका की परफॉर्मेंस के दौरान कुछ अहम मेहमान जो वहां मौजूद थे, उनमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के शीर्ष अधिकारी और भारत के मोस्टवॉन्टेड दाऊद इब्राहिम के परिवार के सदस्य शामिल थे।

गौरतलब है कि जनरल परवेज मुशर्रफ के रिश्तेदार असद ने अपनी बेटी सेलिना की मेहंदी रस्म पर ‘मीका सिंह नाइट’ का आयोजन किया था। कार्यक्रम का आयोजन डिफेंस हाउस अथॉरिटी (डीएचए), फेज-8 स्थित 23, बीच एवेन्यू में किया गया था, जो कि डी कंपनी के सदस्य अनीस इब्राहिम और छोटा शकील के कराची स्थित आवास से बहुत ज्यादा दूर नहीं था।

रोक के बावजद यूं मिला वीजा
कराची के एक प्रमुख अखबार से जुड़े पत्रकार के मुताबिक टिशू पेपर बनाने वाले असद प्रधानमंत्री इमरान खान से नजदीकी होने के कारण मीका सिंह और उनके 14 सदस्यीय दल को वीजा दिलवाने में कामयाब रहे। इस तरह उन्होंने 8 अगस्त को कराची में इस कार्यक्रम का आयोजन किया, जबकि पाकिस्तान सरकार ने किसी भी भारतीय कलाकार या फिल्मी हस्ती के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।

दाऊद के समधी मियांदाद का परिवार मौजूद
पत्रकार ने बताया कि शीर्ष नौकरशाहों, सेना और पुलिस के अधिकारियों और मियांदाद समेत स्टार क्रिकेटरों के परिवार को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। गौरतलब है कि मियांदाद के बेटे जुनैद की शादी दाऊद की बेटी महरुख के साथ हुई है। पत्रकार ने मियांदाद का दाऊद इब्राहिम के साथ रिश्ते की बात स्वीकारी, लेकिन डी-कंपनी के ठिकाने और पाकिस्तान सरकार में उनकी सांठगांठ को लेकर पूछे गए सवालों को वह नजरंदाज कर गए।

आईएसआई के अधिकारियों से हैं संबंध
वीनस समूह के मालिक असद की फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, स्टार क्रिकेटर और सेना के शीर्ष अधिकारी से उनका करीबी संबंध है। पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख अहमद शुजा पाशा भी उनकी फ्रेंड लिस्ट में शामिल हैं। पाशा जब खुफिया एजेंसी के प्रमुख थे, उसी समय लश्कर-ए-तैयबा ने 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 174 लोगों की जानें गई थीं, जिनमें विदेशी भी शामिल थे। इस आतंकी वारदात में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

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