कमाई के लालच में बुखार के मरीज का ICU में इलाज, जानें कैसे खुला मामला

आगरा 
कमाई के लालच में आईसीयू के नाम पर मरीजों से प्राइवेट हॉस्पिटलों में लूट हो रही है। शिकायत के बाद एडीएम सिटी के आदेश पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने मजिस्ट्रेट टीम के साथ कमला नगर स्थित अमरदीप हॉस्पिटल में आईसीयू बंद करा दिया। संचालक को कारण बताओ नोटिस दिया है।

उत्तर प्रदेश के आगरा के कमला नगर जी ब्लॉक स्थित अमरदीप हॉस्पिटल में 10 बेड की अनुमति है। पांच बेड का आईसीयू वार्ड है। एसीएमओ डॉ. अजय कपूर ने बताया कि स्थानीय निवासी ने हॉस्पिटल में जबरन मरीजों को आईसीयू में भर्ती कर अवैध वसूली की शिकायत एडीएम सिटी से की थी। सोमवार को एडीएम सिटी के आदेश पर मजिस्ट्रेट ने हॉस्पिटल में जांच की। एसीएमओ ने बताया, हॉस्पिटल में पांच मरीज भर्ती थे। सभी आईसीयू में थे।

इनमें से तीन मरीज बुखार के थे, जिनका उपचार सामान्य वार्ड में किया जा सकता था। उन्हें भी आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। आईसीयू के नाम पर गड़बड़ी की पुष्टि होने पर आईसीयू सुविधा खत्म कर दी गई है। अब आईसीयू में मरीजों की भर्ती नहीं होगी। एसीएमओ ने बताया कि हॉस्पिटल डॉ. सुरेश छावडा के नाम से पंजीकृत है। हॉस्पिटल में बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण नहीं मिला। हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस दिया है। दो दिन में जवाब नहीं देने पर हॉस्पिटल को सील किया जाएगा। लाइसेंस निरस्त करने के लिए सीएमओ को रिपोर्ट भेजी जा रही है।

आईसीयू में नहीं रहे डॉक्टर
आईसीयू में नहीं रहते डॉक्टर आईसीयू का एक दिन का खर्चा प्राइवेट अस्पतालों में चार से पांच हजार रुपये है। यहां 24 घंटे क्वालिफाइड डॉक्टर की ड्यूटी होनी चाहिए। परंतु शहर में संचालित प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू वार्ड को आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक डिग्री धारक चला रहे हैं।
 

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