देवरिया कांग्रेस को उम्मीद, प्रियंका गांधी लगाएंगी बेड़ा पार

 
देवरिया

बिहार सीमा से सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया में तीन दशकों के ज्यादा समय से एक अदद जीत की बाट जोह रही कांग्रेस की स्थानीय इकाई को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से चमत्कार की उम्मीद है।
 देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने यहां आखिरी बार वर्ष 1984 में जीत हासिल की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में सहानुभूति लहर के बीच कांग्रेस के उम्मीदवार राज मंगल पाण्डेय यहां से निर्वाचित हुए थे। हालांकि, उसके बाद हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को विजय प्राप्त नहीं हो सकी है। मौजूदा चुनावी समर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उम्मीद है कि पार्टी महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस के लिए कोई जादुई करामात कर नई जान फूंक सकती हैं।
 स्थानीय नेता पार्टी के प्रचार के दौरान कहते दिखाई दे रहे हैं कि प्रियंका में उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि के साथ उनके कार्य करने के तौर तरीके भी मिलते जुलते हैं। कांग्रेसी समर्थक विनोद श्रीवास्तव का मानना है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनने से कांग्रेस में एक नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। उनका मानना है कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस दमखम के साथ उभर कर देवरिया सहित प्रदेश की सीटों पर विजय प्राप्त करेगी।
 देवरिया संसदीय सीट पर फिलहाल कांग्रेस ने अपने अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने यहां क्षेत्र में लोगों से मिलना जुलना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस के अन्य दावेदार भी क्षेत्र में अपनी सरगर्मी बढ़ाकर जनता के बीच कांग्रेस की नीतियों का प्रचार-प्रसार अपनी उपस्थित का एहसास करा रहे हैं।
 

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