कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज, हटाए जा सकते है ये मंत्री

भोपाल
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद प्रदेश में एक बार फिर कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो चली है। खबर है कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद समर्थन दे रहे विधायकों को साधने और पार्टी में उठ रहे बगावती तेवरों को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ  कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। सुत्रों की माने तो विधानसभा के बजट सत्र के पहले कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते है।बताया जा रहा है कि 6 नए चेहरों को कमलनाथ मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। फिलहाल मंत्रिमंडल में 28 मंत्री है. लिहाजा 6 और नए चेहरों को जगह मिल सकती है।

चर्चा यह भी है कि कमलनाथ अपने मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन कर सकते हैं। इसके लिए लोकसभा चुनाव परिणामों में मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी के प्रदर्शन को मापदंड बनाए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।कमलनाथ सरकार को बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों ने समर्थन दिया है। चार निर्दलीय विधायकों में से प्रदीप जायसवाल को मंत्री बनाने से सरकार 118 विधायकों के साथ बहुमत में है। सुत्रों की माने तो विधानसभा के बजट सत्र के पहले कमलनाथ सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है वही कुछ मंत्रियों पर हार के बाद गाज गिरने की भी संभावना जताई जा रही है।सुत्रों की माने तो चुनावी हार के बाद  मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रियव्रत सिंह, लाखन सिंह, हर्ष यादव को हटाया जा सकता है , उनकी जगह बसपा सपा के एक-एक विधायक सहित केपी सिंह ,एन्दल सिंह बिसाहू लाल , निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर शेरा भैय्या को मंत्री बनाया जा सकता है। ये सभी नए मंत्री के रुप में शपथ ले सकते है।

बता दे कि हाल ही में विधायक दल की बैठक हुई थी, जिसमें 119 विधायकों ने सरकार को पांच साल समर्थन देने का प्रस्ताव पारित किया था। वही मीडिया से चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक शेरा भैय्या ने कहा था कि उन्हें मंत्री पद का आश्वासन मिला है, देखते है कब तक मंत्री बनते है। वही बसपा विधायक रामबाई ने भी कहा था कि सरकार अब कहां से मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी। उसे समर्थन करने वाले विधायकों को पहले ही तवज्जो देना थी। सरकार पर संकट आने से पहले सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों को साध लेना था। हालांकि रमाबाई ये भी बोलीं कि कमलनाथ सरकार पर कोई संकट नहीं है। समर्थन देने वाले विधायक कांग्रेस सरकार के साथ हैं। ऐसे में विधायकों की नाराजगी से कयास लगाए जा रहे है कि बीजेपी द्वारा सरकार गिराने के दावे और विधायकों को पद और पैसों के लालच देने की खबरों की बीच कमलनाथ सभी को साधने के लिए जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते है।

गौरतलब है कि  कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को शामिल करने के साथ ही मुख्यमंत्री कुछ मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाने के मूड में हैं। इसका कारण है यह है कि सीएम पहले ही मंत्रियों को चुनाव की जिम्मेदारी दे चुके थे और प्रभार और गृह जिलों में मेहनत करने का बोल चुके थे लेकिन बावजूद इसके कई मंत्री अपने ही विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को जीत नही दिला पाए, ऐसे में हार के बाद मंत्रियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।हालांकि विस्तार कब और किस दिन होगा यह अभी तक तय नही हो पाया है। फिलहाल प्रदेश मंत्रिमंडल में अभी मुख्यमंत्री सहित 29 सदस्य हैं। छह मंत्री पद रिक्त हैं। कमलनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 28 कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किए जाने के साथ हुआ था। अगर दो निर्दलीय और बसपा-सपा के तीनों विधायकों को मंत्री बना भी दिया जाता है, तब भी मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त रहेगा। 

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