इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सभी घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ

भोपाल
प्रदेश में इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 150 यूनिट खपत वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। यदि रीडिंग में देरी होती है तब 175 यूनिट तक भी योजना के तहत कम राशि का बिल आएगा। इसके लिये दो रीडिंग की तारीख के बीच के अंतर के आधार पर आनुपातिक मासिक खपत पात्रता के रूप में निर्धारित की गई है। जिसके तहत  27 दिन में रीडिंग होने पर मासिक खपत 135 यूनिट मानी जाएगी, जबकि 35 दिन में रीडिंग होने पर मासिक खपत 175 यूनिट मानी जाएगी।

योजना में पात्रता यूनिट तक खपत करने वाले पात्र उपभोक्ताओं को पहली 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रुपये का बिल दिया जायेगा और 100 यूनिट खपत के लिये म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर से गणना किये गये बिल तथा 100 रुपये के अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कम्पनियों को सब्सिडी के रूप में दी जायेगी। हितग्राही उपभोक्ताओं द्वारा किसी माह में 100 यूनिट से अधिक परंतु पात्रता यूनिट तक उपयोग की गई खपत पर पहली 100 यूनिट के लिये देय राशि रुपये 100 होगी। मीटर किराया तथा विद्युत शुल्क भी शामिल होंगे। एक सौ यूनिट से अधिक एवं पात्रता यूनिट की सीमा तक शेष यूनिटों के लिये म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी प्रचलित टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। एक सौ यूनिट से अधिक खपत के कारण नियत प्रभार में वृद्धि होने पर तत्संबंधी अंतर की राशि हितग्राही द्वारा स्वयं वितरण कम्पनियों को देय होगी।

किसी माह में पात्रता यूनिट से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। उसकी पूरी खपत पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिल दिया जायेगा।

योजना के अंतर्गत एलवी श्रेणी 1.1 के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के घरेलू उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक की मासिक खपत के लिये देयक मात्र 25 रुपये होगा, जिसका इक_ा बिल तीन-चार महीनों में दिया जायेगा। अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कम्पनियों को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। ऐसे उपभोक्ताओं की मासिक खपत 30 यूनिट से अधिक होने पर उन्हें अन्य उपभोक्ताओं के समान मासिक बिल दिया जायेगा। इसमें विगत ऐसे माह की 30 यूनिट तक के देयक की 25 रुपये प्रतिमाह की राशि बिना किसी अधिभार के शामिल की जायेगी, जिनके लिये बिल दिया जाना शेष था।

ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वॉट तक के संयोजित भार वाले अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के बिलों की गणना आयोग द्वारा टैरिफ आदेश में निर्धारित श्रेणी एल.व्ही. 1.2 की उप श्रेणी (द्बद्ब) के अनमीटर्ड संयोजन के लिये लागू दर से की जायेगी। इंदिरा गृह ज्योति योजना के समावेशी स्वरूप में लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को दी जा रही अन्य सभी सब्सिडी समाप्त की जायेगी। योजना के अंतर्गत जारी किये जाने वाले बिल (स्पॉट बिल को छोड़कर) अलग रंग में छापे जायेंगे। बिलों में शासन द्वारा प्रदत्त सब्सिडी का स्पष्ट उल्लेख किया जायेगा।

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