कमलनाथ को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग जोरो पर

भोपाल
  कांग्रेस को अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश है। पार्टी में बीते दो महीने से कई नामों पर विचार चल रहा है। राहुल गांधी ने मई में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कई नामों के प्रस्ताव आए हैं। 10 अगस्त को एक बार फिर कार्य समिति की बैठक होने वाली है। कहा जा रहा है इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय हो सकता है। इस बीच बैठक के एक दिन पहले एआईसीसी मेंबर अखंड प्रताप सिंह ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमनाथ के नाम का प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने कमलनाथ को पार्टी की कमान सौंपने का सुझाव दिया है। उन्होंने यह पत्र कांग्रेस संगठन महामंत्री के.सी. वेणुगोपाल को भेजा है।

कांग्रेस नेता अखंड प्रताप सिंह ने पत्र में लिखा है कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद जो राजनैतिक और सामाजिक माहौल अपने पक्ष में अर्जित किया है, उसका दुरूपयोग भाजपा सर्वप्रथम कांग्रेस को कमजोर करने में करेगी। इसलिए कांग्रेस को ऐसा अध्यक्ष चाहिए, जो राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक संकटों से जूझने की क्षमता रखने के साथ ही दीर्घकालीन संगठनात्मक शासकिय-प्रशासकीय अनुभवों से परिपूर्ण हो।

उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ के राजनीतिक कौशल की तारीफ करते हुए उनके द्वारा प्रदेश में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने और बीते छह महीने में किए गए कामों का भी हवाला दिया है। यही नहीं उन्होंने लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा माना था। यह वक्तव्य उनके द्वारा छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में वर्ष 1980 में दिया गया था। उन्होंने लिखा है कि गांधी परिवार के किसी के भी सदस्य के अध्यक्ष नहीं बनने की स्थिती में कमलनाथ अध्यक्ष पद के लिए सर्वोत्तम विकल्प हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भी कई कांग्रेस नेताओं ने अपना समर्थन दिया था। इसमें मुंबई के कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। उन्होंने सिंधिया के नाम का सुझाव दिया था। अब तक मध्य प्रदेश के ही दो बड़े नेताओं के नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में आ चुके हैं| इनके अलावा प्रियंका गाँधी का नाम भी कई बड़े नेता सुझा चुके हैं| वर्तमान समय में नेतृत्व विहीन होने से जिन हालातों से गुजर रही है जल्द ही नए अध्यक्ष की घोषणा की जा सकती है, वहीं प्रदेश के दो बड़े नेताओं के नामों पर विचार किया जा सकता है|

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