कट मनी: TMC नेता ने लौटाए 2.25 लाख, कानून की तैयारी

कोलकाता
सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से 'कट मनी’ लिए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच, बीरभूम जिले के एक स्थानीय टीएमसी नेता ने सरकारी योजनाओं के 100 से ज्यादा लाभार्थियों को करीब 2.25 लाख रुपये लौटा दिए हैं। वहीं सूत्रों की मानें, तो पश्चिम बंगाल में ‘कट मनी’ वसूली को देखते हुए ममता सरकार एक कड़ा कानून लाने जा रही है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान होगा।

जिला मुख्यालय नगर सूरी के बाहरी इलाके में तृणमूल कांग्रेस के बूथ अध्यक्ष त्रिलोचन मुखोपाध्याय ने 141 से ज्यादा लाभार्थियों से 'कट मनी’ के तौर पर यह पैसे लिए थे। पैसे वापस करने के साथ ही त्रिलोचन ने लोगों से माफी भी मांग ली है। मुखोपाध्याय ने कहा, ‘मैंने लोगों से माफी मांग ली है और धनराशि वापस कर दी। मैं वादा करता हूं कि मैं यह दोबारा नहीं करूंगा।’ कुछ दिनों पहले ही स्थानीय लोगों ने त्रिलोचन के घर से बाहर प्रदर्शन किया था और ‘कट मनी’ के रूप लिए हुए पैसे वापस करने की मांग कर रहे थे। इसके बाद ग्राम पंचायत की बैठक में त्रिलोचन को पैसे लौटाने के लिए कहा गया।

स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि मनरेगा में काम करने वाले लोगोें के खातों में लगभग 2.41 लाख रुपये बतौर मेहनताना जमा किए गए थे। उनका दावा था कि मुखोपाध्याय ने सभी से पैसे जबरदस्ती ले लिए थे। टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष नुरुल इस्लाम ने कहा कि यह सिर्फ तीन-चार दिन काम करने वाले लाभार्थियों को भुगतान करने का एक अच्छा तरीका है, लेकिन मीडिया का एक वर्ग इसे गलत तरीके से पेश करने की कोशिश कर रहा है।

अब खबर है कि पश्चिम बंगाल में कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ वसूलने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब एक कड़े कानून के तहत आरोपी बनाया जाएगा जिसमें दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान है। यह बात मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने मंगलवार को कही। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि ‘दोषी’ जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को आईपीसी की धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जाएगा जोकि लोकसेवक, बैंकर, एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वास हनन से संबंधित है।

इस कानून के तहत दोषी ठहराए जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा या जुर्माने के अलावा 10 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया। यह निर्णय राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हंगामे के बाद लिया गया जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को भीड़ ने घेर लिया और उनसे वह ‘कट मनी’ वापस करने की मांग की जो उनसे सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था।

ममता बनर्जी ने गत 18 जून को तृणमूल पार्षदों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्हें आदेश दिया था कि वे लाभार्थियों से लिया गया ‘कट मनी’ वापस करें। उन्होंने तब कहा था, ‘मैं अपनी पार्टी में चोरों को नहीं रखना चाहती। यदि मैं कार्रवाई करूंगी, वे किसी और पार्टी में शामिल हो जाएंगे। कुछ नेता गरीबों को आवास अनुदान मुहैया कराने के लिए 25 प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं। यह तुरंत रुकना चाहिए। अगर आपने लिया है तो पैसा तत्काल लौटा दीजिए।’
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *