औद्योगिक क्षेत्र बनाने की रणनीति पर राज्य सरकार कर रही काम
भोपाल
प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए अब सरकार अपनी मौजूदा नीति में बदलाव करने जा रही है। अब क्षेत्रों की जरूरत के हिसाब से औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे। प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे अठारह नए औद्योगिक पार्क, विशेष औद्योगिक क्षेत्र बनाने की रणनीति पर राज्य सरकार काम कर रही है। ये पार्क भोपाल, इंदौर, सिंगरौली, कटनी, जबलपुर और छिंदवाड़ा के आसपास बनाए जाएंगे। मध्यप्रदेश में मंडीदीप, मालनपुर, गोविंदपुरा, पीथमपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में तो उद्योगपतियों की पर्याप्त रुचि के कारण औद्योगिक भूखंड हाथों-हाथ बिक गए और वहां जगह खाली नहीं है। लेकिन नीमच में खंडवा, ग्वालियर और दूरदराज के क्षेत्रों से लगे औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य सरकार ने औद्योगिक पार्क और विशेष औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण तो किया लेकिन निवेशकों ने यहां रुचि नहीं दिखाई। जिसके चलते यहां इक्का-दुक्का प्लाट ही बिके, अधिकांश प्लाट नहीं बिके, निवेशक यहां नहीं आए। इन प्लाटों को बेचने में सरकार को खासी दिक्कत आ रही है। इसलिए अब सरकार ने अपनी प्लानिंग बदली है।
इसलिए आती है दिक्कत
अभी तक जिन औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास एयरपोर्ट नहीं है। जहां पर्याप्त सड़कें नहीं है। जो रेल लाईन से जुड़े नहीं है। पर्याप्त कच्चा माल नही है। जो हाईवे या बड़े शहरों से दूर है ऐसे स्थानों पर निवेशक रुचि नहीं दिखाते है और ये खाली पड़े रहते है। इसलिए अब सरकार इन सभी कमियों को दूर करते हुए नए औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण करेगी।
दो हजार हेक्टेयर प्लाट खाली पड़े
प्रदेश में अभी 74 औद्योगिक पार्क और विशेष औद्योगिक क्षेत्र है इनमें दो हजार हेक्टेयर प्लाट खाली पड़े है। नीमच , खंडवा , ग्वालियर के मोहासा सहित अन्य प्रमुख शहरों में पचास से अस्सी फीसदी प्लाट नहीं बिक पाए है। कई स्थानों पर तो प्लान विड्रा करना पड़ा है।