ऑफिस और परिवार के बीच बना रहे तालमेल, सरकार देगी ध्यान

 
नई दिल्ली 

केंद्र सरकार की पहल है कि सरकारी कर्मचारी अपने काम के साथ पारिवारिक जिंदगी में भी संतुलन बना कर रखें। इसके लिए सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे हर साल खाली समय या छुट्टी के दिन ऐसे कार्यक्रम आयोजित करें जिसमें कर्मचारियों की सहभागिता प्रभावी तरीके से हो सके। इससे वर्किंग कल्चर में भी बदलाव आएगा।  
 
सरकार का मानना है कि ऐसा करने से कर्मचारियों के काम करने की क्षमता न सिर्फ बेहतर होगी बल्कि उन्हें परिवार के अंदर से भी बेहतर काम करने के लिए जरूरी उत्साह मिलेगा। दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले दिनों कर्मचारियों की ऑफिस और पारिवारिक जिंदगी के बीच संतुलन को जानने के लिए एक सर्वे किया था जिसमें यह बात सामने आई थी कि इस मोर्च पर बहुत असंतुलन है। 

म्यूजिक, स्पोर्ट्स के साथ ही मनोरंजक कार्यक्रम 
इसी कोशिश के तहत दिल्ली में 21-22 मई को केंद्रीय कर्मचारियों के परिजनों के लिए बड़ा आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम में म्यूजिक-स्पोर्टस और बाकी कई मनोरंजक एक्टिविटी होंगी। इसमें कर्मचारियों को अपने परिवार को अधिक-से-अधिक शामिल करने के लिए कहा गया है। ऐसे ही आयोजन देश के दूसरे शहरों में भी होंगे। इसके अलावा बच्चों के बेहतर करियर के लिए कोचिंग भी आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए देश की टॉप कोचिंग एजेंसियों से भी संपर्क साधा गया है। 

इससे पहले भी हो चुकी है ऐसी कोशिश 
इससे पहले पिछले साल डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग ने सभी राज्यों के ग्रुप बी और ग्रुप सी के कर्मचारियों के लिए नई ट्रेनिंग पॉलिसी को पूरी लागू करने का सुझाव दिया था। विभाग ने ट्रेनिंग पॉलिसी को लागू करने से पहले देश के तीन राज्यों में इसे लागू कर रेस्पॉन्स देखने की कोशिश की थी। इसके अंतर्गत तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के अफसरों और क्लर्क को दो चरणों में ट्रेनिंग दी गई थी। सूत्रों के अनुसार सकारात्मक बात यह रही कि चालीस फीसदी से अधिक कर्मचारियों के वर्क कल्चर में बदलाव साफ दिखा था। 

ट्रेनिंग का असर प्रमोशन पर भी 
सरकार की मंशा है कि इस ट्रेनिंग में भाग लेना और इसके अनुरूप खुद में बदलाव लाने को प्रमोशन में सबसे बड़ा आधार बनाया जाए। विभाग के अनुसार ट्रेनिंग देने के लिए जो गाइडलाइंस बनाई गई हैं उस हिसाब से सरकारी कर्मी को पॉजिटिव रहने के भी कई गुर सिखाए जाएंगे। इसके तहत प्रेरणादायक फिल्में देखने के अलावा प्रेरणादायक किताबें पढ़ने का सुझाव दिया गया था। साथ ही परिवार और ऑफिस के बीच बैलेंस किस तरह हो इस बारे में भी विस्तार से व्यावहारिक तरीके से समझाया जाएगा। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *