ऑटो किराया बढ़ा, ट्रैफिक में फंसे तो और रुलाएगा वेटिंग चार्ज

 
नई दिल्ली 

6 साल के बाद दिल्ली में ऑटो के किराये में करीब 18 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया गया है। अब आपको बढ़ा किराया देना होगा और साथ ही ट्रैफिक में फंसना और चपत लगा सकता है। वेटिंग चार्ज भी बढ़ा दिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में किराये को 8 रुपये से बढ़ाकर 9.50 रुपये किए जाने को मंजूरी दे दी है। साथ ही , पहले जहां वेटिंग चार्ज के रूप में आपको 50 पैसे देने होते थे, बढ़ा किराया लागू होने के बाद 75 पैसे देने होंगे।   दिल्ली में 2013 के बाद ऑटो के किराये में बढ़ोतरी होने जा रही है। दिल्ली सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में इसे मंजूरी दे दी है। अब ऑटो का किराया 9.50 रुपये किलोमीटर के हिसाब से लगेगा, जो पहले 8 रुपये था। 25 रुपये पर मीटर डाउन अब सिर्फ 1.5 किलोमीटर के लिए होगा, पहले यह 2 किलोमीटर तक था। वेटिंग चार्ज भी 50 पैसे के बजाय 75 पैसे मिनट हो गया है। 

वेटिंग चार्ज के स्ट्रक्चर में बदलाव 
वेटिंग चार्ज बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके स्ट्रक्चर में भी बदलाव किया गया है। अभी मिनिमम 15 मिनट रुकने के बाद ही वेटिंग चार्ज लागू होता है लेकिन अब 15 मिनट की मिनिमम लिमिट को हटा दिया गया है। ऑटो चलने के साथ ही वेटिंग चार्ज भी लागू हो जाएगा और इसके लिए मुख्य तौर पर तीन कैटिगरी होंगी। ऑटो पूरी तरह से रुका हो, ट्रैफिक जाम में फंसने पर और ट्रैफिक बेहद स्लो यानी 6 किमी प्रति घंटे की कम स्पीड से चलने पर वेटिंग चार्ज लागू हो जाएगा।

नोटिफिकेशन के लागू होगा बढ़ा किराया 
यह कब से लागू होगा, इस पर ट्रांसपॉर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि विभाग को इसका नोटिफिकेशन जल्द से जल्द करने के लिए कहा गया है। इसमें एलजी की मंजूरी जरूरी नहीं है। किराया नोटिफिकेशन आने के बाद ही बढ़ेगा और ऑटो के मीटर अपडेट होने के बाद ही उनमें ज्यादा किराया दिखेगा। 

मुंबई में क्या है ऑटो किराया 
मुंबई में 2015 से जो किराया लागू है, उसमें पहले डेढ़ किमी के 18 रुपये हैं। उसके बाद 12.2 रुपये प्रति किमी के हिसाब से किराया है। वेटिंग चार्ज 1.2 रुपये प्रति मिनट है और नाइट चार्ज 25 पर्सेंट है। 

मिनी बस, टैक्सी, आरटीवी का भी बढ़ेगा किराया 
गहलोत ने कहा है कि ऑटो के बाद टैक्सी, मिनी बसों, आरटीवी के किराये में बढ़ोतरी पर भी फैसला होगा। वहीं निजी वाहनों के संगठन एसटीए ऑपरेटर्स एकता मंच के महासचिव श्यामलाल गोला का कहना है कि वे 10 साल से किराये में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार आश्वासन ही दे रही है जबकि सीएनजी, इंश्योरेंस, सैलरी समेत तमाम खर्चे कई गुना बढ़ गए हैं। सरकार को जल्द से जल्द मिनी बसों, आरटीवी, मेट्रो फीडर बसें, फटफट सेवा, ग्रामीण सेवा गाड़ियों के किराये में बढ़ोतरी पर फैसला करना चाहिए। 
 

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