एस्सेल ग्रुप के शेयर 9% फिसले

मुंबई
एस्सेल ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को 9 पर्सेंट तक की गिरावट आई। बाजार में ऐसी अटकलें लग रही हैं कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी बेचने की योजना अटक गई है। जी एंटरटेनमेंट के शेयर मंगलवार को 5 पर्सेंट की गिरावट के साथ 369.20 रुपये और डिश टीवी के शेयर 9 पर्सेंट टूटकर 31.80 रुपये पर पहुंच गए। जी लर्न के शेयर प्राइस 4.6 पर्सेंट की गिरावट के साथ 25.05 और जी मीडिया के 3.3 पर्सेंट फिसलकर 13.67 रुपये पर पहुंच गए।

एक डोमेस्टिक ब्रोकरेज फर्म में इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के हेड ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'मार्केट में अफवाह है कि कोई डील नहीं होने जा रही है। हालांकि, यह कोरी अटकल लग रही है।' यह अफवाह भी थी कि एस्सेल ग्रुप के प्रमोटरों ने जो शेयर गिरवी रखे थे, लेंडर्स ने उन्हें मंगलवार को बाजार में बेच दिया। इस बारे में ईमेल से पूछे गए सवालों का एस्सेल ग्रुप के प्रवक्ता से जवाब नहीं मिला।

प्रमोटरों ने डिश टीवी इंडिया और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के शेयर म्यूचुअल फंडों और एनबीएफसी के पास गिरवी रखकर इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर के लिए फंड जुटाया था। हालांकि, यह बिजनस प्लान सफल नहीं रहा और अब ग्रुप को लेंडर्स का बकाया पैसा लौटाने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने लेंडर्स के साथ एक समझौता किया है, जिसके मुताबिक प्रमोटरों के पास बकाया चुकाने के लिए 30 सितंबर तक का समय है। एस्सेल ग्रुप के लिए इस लिहाज से सितंबर की डेडलाइन से पहले जी में हिस्सेदारी बेचना काफी अहमियत रखता है।

हालिया शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक जी एंटरटेनमेंट में प्रमोटरों ने अपनी 66.2 पर्सेंट हिस्सेदारी गिरवी रखी हुई थी, जबकि दिसंबर 2018 में उन्होंने अपने हिस्से के 59.4 पर्सेंट शेयर गिरवी रखे थे। एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने 22 अप्रैल के अंक में इकनॉमिक टाइम्स में छपे इंटरव्यू में कहा था कि ‌उन्हें 30 सितंबर की डेडलाइन से पहले लेंडर्स का बकाया चुकाने का भरोसा है।

उन्होंने बताया था कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में भारत से लेकर जापान, यूरोप और अमेरिका तक के पांच निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है। चंद्रा ने बताया, ‘कई बड़े नाम सुनाई दे रहे हैं, लेकिन अभी मैं किसी भी नाम की पुष्टि या उससे इनकार नहीं कर सकता। इन पांच शॉर्टलिस्टेड निवेशकों में से अप्रैल के अंत या मई के पहले हफ्ते तक हमें नॉन-बाइंडिंग टर्म शीट मिल जानी चाहिए।’

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