एसएसबी ने रोका, भारत-नेपाल सीमा के पिपरौन बॉर्डर पर नेपाल से पहुंचे हजारों प्रवासी

 हरलाखी (मधुबनी)                                                                                                                                                                                                                                                  
भारत-नेपाल सीमा के पिपरौन बॉर्डर पर नेपाल से अपने घर वापस आने के लिए हजारों प्रवासी मजदूरों का जत्था पहुंचा है। ये लोग दो दिनों से छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों व भारी सामान के साथ भूखे-प्यासे घर जाने के लिए नेपाल के जटही में रुके हैं। हालांकि, एसएसबी ने इस रास्ते को अनधिकृत बताकर उन्हें बॉर्डर पार करने से रोक रखा है। 

पिपरौन एसएसबी कंपनी इंचार्ज हंसराज वर्मा ने प्रवासियों को कहा कि भिट्ठामोड़ का रास्ता भारत में प्रवेश करने के लिए अधिकृत है। इसके बाद भी सभी प्रवासी मजदूर अपने बच्चों व महिलाओं के साथ बॉर्डर क्रॉस करने के लिए जटही में नदी किनारे रुके हुए हैं। प्रवासियों का कहना है कि नेपाल में खाना-पीना नहीं मिल रहा है। लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद हैं। यातयात भी बंद है। नेपाल से यहां बॉर्डर तक इतनी दूर पैदल काफी मुसीबतों के साथ पहुंचे हैं। ऐसे में फिर वापस भिट्ठामोड़ जाना बहुत मुश्किल है। 

मिली जानकारी के अनुसार पैदल चलते-चलते बच्चों और बुजुर्गों की हालत खराब हो चुकी है। हालांकि, कुछ लोग खुली सीमा के कारण खेतों के रास्ते भारत में प्रवेश भी कर गए। एसएसबी कमांडेंट शंकर सिंह ने बताया कि पिपरौन मार्ग अभी आवागमन के लिए अनधिकृत है। केवल रक्सौल और जोगबनी बॉर्डर ही इसके लिए 
अधिकृत है।

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