एरिक्सन को लौटाने पड़ सकते हैं 576 करोड़ रुपये

नई दिल्ली
अपना बकाया पाने के लिए रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के खिलाफ लंबे समय तक मुकदमा लड़ने वाली कंपनी एरिक्सन को सोमवार को झटका लगा है। एक अपीलीय ट्राइब्यूनल ने आरकॉम के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने पर लगी रोक को हटा लिया है, जिसके बाद एरिक्सन को आरकॉम से मिली बकाया रकम उसे लौटानी पड़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेल जाने से बचने के लिए अनिल अंबानी ने एरिक्सन को ब्याज के साथ कुल 576 करोड़ रुपये लौटाए थे।

न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को कहा, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के मद्देनजर, हम अपीलकर्ता (आरकॉम) को अपील वापस लेने की मंजूरी देते हैं। दिवाला प्रक्रिया पर रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश को हटाया जाता है।' आरकॉम ने उसके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी थी। आरकॉम के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया अब मुंबई के राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की पीठ में चलेगी।

एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने 15 मई, 2018 को आरकॉम और उसकी दो सहायक कंपनियों इन्फ्राटेल तथा रिलायंस टेलिकॉम के खिलाफ एरिक्सन की दिवाला याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। न्यायाधिकरण ने कंपनी के संचालन के लिए अंतरिम निपटान पेशेवर की भी नियुक्ति की थी। लेकिन कंपनी की ओर से चुनौती याचिका दायर होने के बाद एनसीएलएटी ने 30 मई, 2018 को एनसीएलटी के आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी थी।

इससे पहले एनसीएलटी ने कहा था कि आरकॉम की दिवाला प्रक्रिया पर लगे स्टे ऑर्डर को हटा दिया जाता है तो ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के रूप में एरिक्सन को आरकॉम द्वारा किए गए भुगतान को वापस करना पड़ेगा। हालांकि, मंगलवार को एनसीएलएटी में सुनवाई के दौरान यह मुद्दा नहीं उठा।

एरिक्सन ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया भुगतान न होने पर साल 2017 में आरकॉम के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया की शुरुआत की थी। मुंबई पीठ ने याचिका को स्वीकार कर लिया था, लेकिन आरकॉम द्वारा एरिक्सन को बकाया चुकाने की हामी भरने के बाद एनसीएलएटी ने दिवाला प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

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