एमपी में आईटी अफसरों को चौंकाने वाला टारगेट, टैक्स वसूली में छूट रहे पसीने

भोपाल
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने इस बार एमपी और छग को टैक्स वसूली का बड़ा टारगेट दिया है। जिसके बाद से अफसरों की सांसे फूल गई हैं। पिछले साल का ही टारगेट जैसे तैसे अफसर पूरा करने में पिछड़ गए थे और इसबार पिछले टारगेट के मुकाबले काफी बढ़ोतरी कर दी गई है। इस बार दोनों राज्यों से टैक्स वसूलने का लक्ष्य करीब 29 हज़ार करोड़ का रखा गया है। पिछले साल के मुकाबले यह टारगेट लगभग 14 करोड़ से अधिक बढ़ गया है। इस टारगेट के बाद से विभाग के पसीने छूट रहे है। विभाग के पास 9 महीनें हैं जिसमें उसे यह टारगेट पूरा करना होगा।
 
यदि बीते वर्ष की बात करें तो विभाग टारगेट को हासिल करने में असफल साबित हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बीते वर्ष 22,173 हजार करोड़ रुपए का टारगेट था, लेकिन कड़ी मश्शकत के बाद विभाग महज 21,773 हजार करोड़ रुपए टैक्स ही वसूल करने में कामयाब हुआ था। हालांकि, विभाग के अधिकारी टारगेट को हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करने का दावा कर रहा हैं। दोनों राज्यों में कर संग्रहण और करदाताओं का दायरा बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने की भी बात कही जा रही है। इस बार कर भरने वालों की संख्या 37 लाख से बढ़ाकर 50 लाख करने का भी प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है, जब सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने मप्र-छग को 24.42 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ टैक्स वसूली का टॉरगेट थमाया है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस द्वारा दिए गए इस बड़े टारगेट से कहीं न कहीं विभाग के आला अधिकारियों से लेकर जिला और रेंज में बैठे अफसर तक के चेहरे पर चिंता की नमी दिखाई दे रही है। अधिकारियों के मन में यह चिंता है कि जब पिछले साल 22 हजार करोड़ के टारगेट को हासिल नहीं कर सके थे तो इस बार बड़े हुए टारगेट को कैसे हासिल कर सकेंगे। जानकारों की माने तो यह टारगेट पांच साल में दोगुना हो गया है।

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