एमपी पुलिस और CRPF के बीच टकराव की स्थिति बरकरार

भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा में चल रही आयकर की छापेमार कार्रवाई बंद हो गई हो, लेकिन पुलिस और सीआरपीएफ में अभी भी टकराव की स्थिति बरकरार है. अब डीजीपी ने सीएस को पत्र लिखकर आयकर छापों में राज्य पुलिस की जानकारी के बिना सीआरपीएफ के इस्तेमाल को लेकर डीजीपी वीके सिंह ने आपत्ति जताई है.

दरअसल, डीजीपी वीके सिंह ने सीआरपीएफ का मामला केंद्र के सामने उठाने की मांग सीएस से की है. उन्होंने पत्र लिखकर सीआरपीएफ के इस्तेमाल पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने पत्र में लिखा है 'आईटी के करीब 20 अधिकारियों के साथ सीआरपीएफ के ऑटोमेटिक हथियारों से लैस 200 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी इन छापों में शामिल रहे.'

पत्र में आगे लिखा, 'जिस तरह रहवासी क्षेत्र में सीआरपीएफ को तैनात किया गया, वह खतरनाक दिखता है. इतनी बड़ी संख्या में हथियारबंद जवानों की उपस्थिति से खौफ पैदा हुआ. इस तरह के ऑपरेशन में केंद्रीय बलों को सहयोग करने के लिए राज्य पुलिस हमेशा तैयार है, लेकिन इस मामले में उनका रवैया असहयोगात्मक है.

रहवासियों की परेशानी का हवाला देकर पुलिस ने सबसे पहले सीआरपीएफ से टकराव किया. सीआरपीएफ ने मौके पर पहुंची पुलिस को बिल्डिंग में नहीं जाने दिया. तू-तू मैं-मैं हुई और विवाद इतना बढ़ा की सीआरपीएफ ने अतिरिक्त फोर्स को मौके पर बुला लिया. पुलिस तो चली गई, लेकिन सीआरपीएफ ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी गृहमंत्रालय को भेजी. अब डीजीपी ने पत्र लिखकर सीएस के सामने आपत्ति जताई और मामले को केंद्र के सामने उठाने की मांग की.

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