एफडीआई के मामले में चीन 18वें स्थान पर,मॉरिशस पहले नंबर

मुंबई

पिछले दिनों भारत ने चीन से आने वाले FDI के नियम (Rules for FDI from china)को भी बदल दिया था। उस समय कहा गया था कि चीन बहुत तेजी से FDI के जरिए भारतीय कंपनियों में घुस रहा है। हालांकि सरकार की तरफ से जो डेटा जारी किया गया है उसके मुताबिक पिछले 20 सालों में चीन से आने वाले एफडीआई (FDI from china) की कुल हिस्सेदारी महज 0.51 फीसदी है। इस मामले में वह 18वें पायदान पर है।

पिछले चार सालों में चीनी निवेश में 12 गुना तेजी
भारतीय स्टार्टअप का साइज बहुत बड़ा हो गया है। इसमें चाइनीज कंपनियों का बहुत बड़ा निवेश है इसमें कोई दो राय नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के स्टार्टअप में पिछले चार सालों में चीनी निवेश में 12 गुना वृद्धि हुई और 2019 में यह बढ़कर 4.6 अरब डॉलर ( 35 हजार करोड़ रुपये के करीब) पहुंच गया। यह 2016 में मात्र 38.1 करोड़ डॉलर था। इतनी तेजी के बावजूद FDI मामले में वह काफी पीछे है।

मॉरिशस से सबसे ज्यादा FDI
पिछले 20 सालों में अगर भारत में सबसे ज्यादा FDI आया है तो वह मॉरिशस से है। मिन्ट पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी हिस्सेदारी 30.36 फीसदी है। दूसरे नंबर पर सिंगापुर (20.78 फीसदी), नीदरलैंड (7.20 फीसदी), जापान (7.13 फीसदी), अमेरिका (6.34 फीसदी) का नंबर है। इस लिस्ट में चीन 18वें नंबर पर है। उसकी हिस्सेदारी मात्र 0.51 फीसदी है।

पेटीएम मोस्ट वैल्यूड स्टार्टअप
चीनी कंपनियों ने जिन भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश किया है वे वर्तमान में हजारों करोड़ की कंपनी बन चुकी हैं। यहां हजारों लोग काम करते हैं और देश की इकॉनमी में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। आने वाले दिनों में ये कंपनियां भारत की फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां हो सकती हैं। भारत की मोस्ट वैल्यूड यूनिकॉर्न ( वे स्टार्टअप्स जिनका मार्केट कैप 1 अरब डॉलर को पार कर जाता है) में पेटीएम पहले नंबर पर है। उसका मार्केट कैप 16 अरब डॉलर है।

बायजू का मार्केट कैप 10 अरब डॉलर पार
दूसरे नंबर पर बायजू आ गया है। उसका मार्केट कैप 10.5 अरब डॉलर है। इसी मार्केट कैप पर सिलिकॉन वैली का मशहूर इन्वेस्टर बॉन्ड कैपिटल ने उसमें बड़े पैमाने पर निवेश किया है। भारत के केवल दो स्टार्टअप- पेटीएम और बायजू, डेकाकॉर्न की लिस्ट में आते हैं। डेककॉर्न से मतलब उन कंपनियों से है, जिनका मार्केट कैप 10 अरब डॉलर पार कर जाता है।

ओयो होटल्स तीसरे नंबर पर
तीसरे नंबर पर Oyo होटल्स आता है, जिसका मार्केट कैप 8.10 अरब डॉलर है। चौथे नंबर पर ओला कैब्स आता है, जिसका मार्केट कैप 6.2 अरब डॉलर के करीब है।

टेनसेंट ने 16 स्टार्टअप में निवेश किया है
टेनसेंट ने भारत के 16 स्टार्टअप में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। टेनसेंट ने अन्य के साथ मिलकर पांच यूनिकॉर्न (ओला, स्विगी, हाइक, ड्रीम 11 और बायजू) में 2.4 अरब डॉलर का निवेश किया है। यूनिकॉर्न उन कंपनियों को कहते हैं, जिनका मार्केट कैप 1 अरब डॉलर से ज्यादा होता है।

अलीबाब और ऐंट फाइनैंशल का 4 यूनिकॉर्न में निवेश
अलीबाबा तथा उसकी सहयोगी ऐंट फाइनैंशल ने अन्य के साथ चार भारतीय यूनिकॉर्न (पेटीएम, स्नैपडील, बिग बास्केट और जोमैटो) में 2.6 अरब डॉलर निवेश किया है। इसके अलावा अलीबाबा ने तीन स्टार्टअप और अलीबाब ग्रुप ने 2 स्टार्टअप में निवेश किया है।

शाओमी ने 7 कंपनियों में किया है निवेश
शाओमी ने सात स्टार्टअप्स में निवेश किया है। चाइनीज वेंचर कैपिटल ने भी भारतीय कंपनियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। शुनवई कैपिटल ने 16 स्टार्टअप्स में, स्वस्तिका ने 12 में, हिलहाउस कैपिटल ग्रुप ने 6 में, ऐक्सिस कैपिटल पार्टनर्स ने 5 में, BAce ने 4 में, NGP कैपिटल ऐंड मॉर्निंगसाइड वेंचर कैपिटल ने 3 में और Hausel कैपिटल पार्टनर्स, होरिजन वेंचर जैसी कंपनियों ने 2 स्टार्टअप्स में निवेश किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *