एक ही क्लास में पढ़ेंगे राजनेता, सरकारी अधिकारी और बिजनेस मैन
इंदौर
उस क्लास की कल्पना कीजिये जिसमें राजनेता, सरकारी अधिकारी और कॉर्पोरेट जगत के प्रतिनिधि एक साथ बैठकर ज्ञान अर्जित कर रहे हों. इंदौर का भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM Indore) इस कल्पना को हकीकत में बदलने के लिये मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के सहयोग से अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रहा है.
आईआईएम-आई के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने कहा, हम मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के साथ मिलकर ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने पर विचार कर रहे हैं जिसमें विधायिका, कार्यपालिका और कॉर्पोरेट जगत के लोगों को शामिल किया जायेगा.
इस कार्यक्रम की मूल अवधारणा यह है कि तीनों क्षेत्रों के लोग एक-दूसरे के मुद्दों को समझकर सरकारी और कारोबारी क्षेत्रों की मुश्किलों को किस तरह हल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा आगामी जनवरी तक तैयार किये जाने की योजना है जिसके तहत विधायिका, कार्यपालिका और कॉर्पोरेट जगत के लोगों को चंद दिनों तक एक साथ प्रशिक्षित किया जायेगा.
राय ने कहा, व्यापार की सुगमता यानी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के विषय में दुनिया भर में खासी चर्चा होती है. हम अपने प्रस्तावित पाठ्यक्रम के जरिये इस विचार को भारतीय संदर्भ में आगे बढ़ाना चाहते हैं, ताकि विधायिका, कार्यपालिका और कॉर्पोरेट जगत के बेहतर तालमेल से देश के विकास की गति बढ़ाने में मदद मिले.
आईआईएम-आई के निदेशक ने कहा कि प्रस्तावित कार्यक्रम में देश के बड़े उद्योगों के नुमाइंदों के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जा सकता है, ताकि सरकार और प्रशासन के काम करने के तरीकों को लेकर उनकी समझ में इजाफा हो सके और इन क्षेत्रों के आपसी रिश्ते मजबूत हो सकें.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के कई आला अधिकारियों को प्रशिक्षित कर चुके राय ने बताया, हम लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के सहयोग से लोक प्रशासन को लेकर इन अफसरों के व्यावहारिक अनुभवों को केस स्टडी में तब्दील करेंगे. इन केस स्टडी का प्रस्तावित कार्यक्रम की विषयवस्तु गढ़ने में इस्तेमाल किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम का विचार आईआईएम-आई और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के बीच हाल ही में हुए अहम समझौते के बाद उत्पन्न हुआ है. इस समझौते के तहत दोनों संस्थानों के बीच तकनीकी सहयोग को सुदृढ़ किया जायेगा. इसके साथ ही, लोक प्रशासन, प्रबंधन व सार्वजनिक नीतियों के क्षेत्रों में ज्ञान, अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जायेगा.