एक साल में जानवरों के हमले में 418 लोगों की मौत, 200 वन्य जीव भी मारे गए

रायपुर
छत्तीसगढ़ में वनों का रकबा दिनों-दिन घट रहा है. साथ ही साथ वन्य जीवों की संख्या भी काफी कम हो रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के पास समृद्ध वन और उन्नत प्रदेश का तमगा जरूर है, लेकिन वन्य जीवों के मामले में वन घातक बन गया है. बीते एक वर्ष में 200 वन्य जीवों की मौत हुई. वहीं वन्य जीवों के हमले में 418 लोगों की मौत हो गई है. कई लोग जख्मी हो गए हैं.

सरकार द्वारा जारी एक आंकड़े के मुताबिक हाथी और भालू के हमले से 137 लोगों की मौत प्रदेश में हुई है. जबकि इनके हमले में 281 लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं. बीते दस वर्षों में 204 जंगली हाथी अलग-अलग कारणों से मारे गए. साल 2018 में ही 17 हाथी की मौत हुई, जिसमें 4 नर हाथी हैं. वर्ष 2018 में 33 भालूओं की मौत प्रदेश में हुई है. इसके अलावा एक सफेद शेर और तेन्दुआ की भी मौत प्रदेश के जंगलों में हुई.

प्रदेश में हाथी, भालू, जंगली सूकर के हमले अधिक हो रहें है. वन्य जीवों के मामले में जानकार नितिन सिंघवी कहते हैं कि एक आंकड़े के मुताबिक पूरे प्रदेश में साल 2018 में 200 जंगली जीवों की मौत हुई है. सरकार को इन्हें बचाने के लिए उचित प्रबंध करने की आवश्यकता है. समय रहते यदि कोई ठोस कदम इस ओर नहीं उठाए गए तो इससे वन्य जीवों के साथ ही आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. पीसीएफ, वाइल्ड लाइफ अरुण शुक्ला का कहना है कि वन्य जीवों के अधिकांश हमले जंगल में वनोपज संग्रहण के दौरान हुआ है. वन विभाग लोगों को जागरूक होने की जरूरत है.

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