एक वर्ष में 7917 किलोमीटर सड़कों का निर्माण, मजबूतीकरण और नवीनीकरण

भोपाल

लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री  सज्जन सिंह वर्मा ने लोक निर्माण विभाग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले एक साल में प्रदेश में 5840 करोड़ लागत की 5434 कि.मी.  सड़कों का निर्माण कराया गया है। इसी के साथ 308 करोड़ की राशि खर्च कर 683 कि.मी. सड़कों का मजबूतीकरण किया गया। इसी के साथ, 174 करोड़ की लागत से 1800 कि.मी. सड़कों का नवीनीकरण किया गया।  वर्मा ने बताया कि 318 करोड़ की लागत से विभिन्न मार्गों पर 29 वृहद पुलों का निर्माण किया गया है। न्यू डिवलपमेंट बैंक से 3259 करोड़ ऋण प्राप्त कर 1905 कि.मी. के 82 महत्वपूर्ण मार्गों का कार्य कराया जा रहा है। सेतु प्रोजेक्ट में 1625 करोड़ ऋण स्वीकृत कराया गया है। इसमें 49 पैकेज में 260 वृहत पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा 2724 करोड़ लागत से 976 कि.मी. सड़कों का निर्माण कराया गया है।

प्री-पेड टोल भुगतान व्यवस्था

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि सभी प्रकार के वाहनों को टोल बूथों पर लंबे इंतजार से बचाने के लिए प्री-पेड टोल भुगतान व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है। चार राष्ट्रीय राजमागों पर इलैक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के लिए केन्द्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त कर क्रियान्वयन की योजना है। राजमार्गों के टोल कलेक्शन के लिए एन.ई.टी.सी.फास्ट टैग प्रणाली के लिए एम.ओ.यू करवाया जा रहा है। एडीबी 5 परियोजना के एक कम्पोनेंट कैशलेस एक्सीडेंट इंश्योरेंश स्कीम में 30 हजार रुपये की राशि तक दुर्घटना सहायता का प्रावधान रखा गया है। एडीबी 6 परियोजना में 1600 कि.मी. लम्बाई के राज्य राजमार्ग एवं मुख्य जिला मार्गों के लिये 4,900 करोड़ की परियोजना की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

 

पीआईयू ने बनाये विभागीय भवन

मंत्री  वर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट इम्पलीमेंटेशन यूनिट (पीआईयू) द्वारा बीते एक वर्ष में 17 विभागों में 11 कन्या शिक्षा परिसर, 12 कोर्ट भवन, 8 अनुसूचित-जाति छात्रावास, 11 महाविद्यालय, 7 आईटीआई ट्रेनिंग सेंटर, 22 ईव्हीएम गोडाउन, दो कलेक्टर कार्यालय, रवीन्द्र भवन तथा एक श्रमोदय विद्यालय, 5 अस्पताल भवन, एक मेडिकल कॉलेज सहित कुल 89 महत्वपूर्ण भवन निर्माण कार्य पूर्ण कराये गये। भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के विशेषज्ञ ने प्रदेश में ईव्हीएम गोडाउन निर्माण क्षेत्र में हुए कार्य को सराहा है तथा मध्यप्रदेश को तेजी से काम करने वाले राज्यों में दूसरे स्थान पर रखा गया है।

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि मार्गों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये 10 करोड़ से अधिक लागत के कार्यों पर थर्ड पार्टी से मूल्यांकन कराया जा रहा है। सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। निर्माण में जियो मेट्रिक डिजाइन, रोड मार्किंग तथा रोड फर्नीचर का प्रावधान कराया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन में किसानों की अधिगृहीत भूमि का उचित मुआवजा नए प्रावधानों के अंतर्गत दिलाया जा रहा है। जिला मुख्यालय से तहसील मुख्यालयों को जोड़ने वाले मार्गों के उन्नयन के लिये 200 करोड़ का सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान किया गया है। केन्द्रीय सड़क निधि योजना में 450 करोड़ 45 लाख के 10 कार्यों की निविदाएँ स्वीकृत की गई हैं।

मंत्री  सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि प्रदेश के जर्जर पुल-पुलियाओं के पुनर्निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है ताकि सड़कों पर बारहमासी यातायात संभव हो सके। राज्य मार्गो एवं एमडीआर पर चिन्हित 2552 संकरे, जलमग्नीय और अत्यंत पुराने पुलों के पुनर्निर्माण के लिये कार्यवाही की जा रही है। आगामी 5 वर्षों में लगभग दो हजार करोड़ की लागत से 400 पुलों का निर्माण कराया जाएगा। इसी के साथ, 3540 करोड़ लागत के 17 नग फ्लाई ओवर और 55 नग आरओबी का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।

लोक निर्माण में नवाचार

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि सड़कों के निर्माण में पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नवाचार किये जा रहे हैं। ग्रीन रोड कंस्ट्रक्शन की थीम पर कार्य किया जा रहा है। निर्माणाधीन सड़कों के दोनों ओर पौधा-रोपण करने का निर्णय लिया गया है। इस कंसेप्ट में थर्मल पॉवर स्टेशन से 300 किलोमीटर की परिधि में आने वाले निर्माण कार्यों में फ्लाई ऐश के उपयोग को अनिवार्य किया गया है। सड़क निर्माण में अन्य देशों में प्रयुक्त उन्नत टेक्नालॉजी का प्रायोगिक तौर पर उपयोग किये जाने का निर्णय लिया गया है।

मंत्री  वर्मा ने बताया कि कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने और क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये जन-केन्द्रित निर्माण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। बेहतर नियोजन की दृष्टि से रोड ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना, दीर्घकालिक सड़क निर्माण योजना, भवन, सेतु एवं सड़क डिजाइनिंग सेल के विकास, वर्क्स एण्ड एकाउंट्स मैनेजमेंट सिस्टम, वर्क्स मेन्युअल की समीक्षा और सुधार, गुणवत्ता नियंत्रण, लोक निर्माण पुरस्कारों का वितरण और सड़क निर्माण तथा संधारण में नवीन तकनीकों के उपयोग की दिशा में शीघ्र कदम उठाए जाएंगे।

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